Makar Sankranti 2025 Greetings: शुभ मकर संक्रांति! इन मनमोहक WhatsApp Stickers, HD Images, GIF Wallpapers को भेजकर दें सबको बधाई

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव दक्षिणायण से उत्तरायण होते हैं और इसी के साथ मौसम में बदलाव आने लगता है. इस पर्व से ठंड कम होने लगती है, साथ ही दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं. मकर राशि में सूर्य देव के गोचर के साथ खरमास की समाप्ति होती है और सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. इस अवसर पर आप इन मनमोहक ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर सबको बधाई दे सकते हैं.

मकर संक्रांति 2025 (Photo Credits: File Image)

Makar Sankranti 2025 Greetings in Hindi: करीब छह महीने तक दक्षिणायण (Dakshinayan) रहने के बाद मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन सूर्य देव उत्तरायण (Uttarayan) होते हैं, जिससे देवताओं के दिन की शुरुआत होती है, इसलिए इस पर्व को देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन गंगा या अन्य नदियों में स्नान करने के बाद दान का विशेष महत्व बताया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन नदी में स्नान और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं इस दिन काले तिल का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और शनि दोष से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही इस दिन तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल अर्पित करने से पद और सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है. इस साल देशभर में 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है.

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव दक्षिणायण से उत्तरायण होते हैं और इसी के साथ मौसम में बदलाव आने लगता है. इस पर्व से ठंड कम होने लगती है, साथ ही दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं. मकर राशि में सूर्य देव के गोचर के साथ खरमास की समाप्ति होती है और सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. इस अवसर पर आप इन मनमोहक ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर सबको बधाई दे सकते हैं.

1- मकर संक्रांति की शुभकामनाएं

मकर संक्रांति 2025 (Photo Credits: File Image)

2- मकर संक्रांति की हार्दिक बधाई

मकर संक्रांति 2025 (Photo Credits: File Image)

3- शुभ मकर संक्रांति

मकर संक्रांति 2025 (Photo Credits: File Image)

4- मकर संक्रांति 2025

मकर संक्रांति 2025 (Photo Credits: File Image)

5- हैप्पी मकर संक्रांति

मकर संक्रांति 2025 (Photo Credits: File Image)

ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर अपने पुत्र शनि की मकर राशि में प्रवेश करते हैं. कहा जाता है कि इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव से मिलने के लिए उनकी राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व बताया जाता है. फसलों को समर्पित इस पर्व को उत्तर भारत में खिचड़ी (Khichadi), तमिलनाडु में पोंगल (Pongal), ओडिशा में मकर चौला (Makar Chaula), असम में माघ बिहू (Magh Bihu) और गुजरात में उत्तरायण (Uttarayan) कहा जाता है, जिसे देश के विभिन्न हिस्सों में लोग अपनी-अपनी स्थानीय परंपराओं के हिसाब से मनाते हैं.

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