Maa Narmada Jayanti 2024 Greetings: हैप्पी नर्मदा जयंती! प्रियजनों संग शेयर करें ये शानदार WhatsApp Stickers, HD Images, Photo SMS और Wallpapers

नर्मदा जयंती पर नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के अलावा फूल, धूप, अक्षत, कुमकुम इत्यादि से उनका पूजन किया जाता है. इस दिन आटे के 11 दीपक प्रज्जवलित करके जल में प्रवाहित करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस अवसर पर आप इन इन शानदार ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को भेजकर प्रियजनों से हैप्पी नर्मदा जयंती कह सकते हैं.

नर्मदा जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

Maa Narmada Jayanti 2024 Greetings in Hindi: हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती (Narmada Jayanti) का पर्व मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इसी पावन तिथि पर भगवान शिव (Bhagwan Shiv) के द्वारा मां नर्मदा (Maa Narmada) का धरती पर अवतरण हुआ था, इसलिए इस दिन नर्मदा जयंती मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, आज (16 फरवरी 2024) नर्मदा जयंती मनाई जा रही है. विष्णु पुराण के अनुसार, नाग राजाओं ने नर्मदा नदी को वरदान दिया था कि जो भी भक्त इस जल में स्नान करेगा, उसके सारे पाप नष्ट हो जाएंगे. इसके साथ ही उसके जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे. मां नर्मदा को गंगा की तरह मोक्षदायिनी और पाप नाशिनी भी कहा जाता है, इसलिए इस नदी में स्नान करने का फल गंगा नदी में स्नान करने के समान ही माना जाता है.

नर्मदा जयंती पर नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के अलावा फूल, धूप, अक्षत, कुमकुम इत्यादि से उनका पूजन किया जाता है. इस दिन आटे के 11 दीपक प्रज्जवलित करके जल में प्रवाहित करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस अवसर पर आप इन इन शानदार ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को भेजकर प्रियजनों से हैप्पी नर्मदा जयंती कह सकते हैं.

1- नर्मदा जयंती की शुभकामनाएं

नर्मदा जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

2- नर्मदा जयंती की हार्दिक बधाई

नर्मदा जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

3- शुभ नर्मदा जयंती

नर्मदा जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी नर्मदा जयंती

नर्मदा जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

5- नर्मदा जयंती 2024

नर्मदा जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

आपको बता दें कि नर्मदा नदी का उद्गम मध्‍य प्रदेश के अमरकंटक से होता है और ये गुजरात व महाराष्ट्र में होकर बहती है. मध्य प्रदेश में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व से जुड़ी प्रचलित मान्यता के अनुसार, एक बार जब भगवान शिव तपस्या में लीन थे, तब उनके पसीने से नर्मदा प्रकट हुई थीं. प्रकट होते ही नर्मदा देवी ने अपने अलौकिक सौंदर्य से ऐसी चमत्कारी लीलाएं दिखाईं, जिससे भगवान शिव और माता पार्वती भी चकित रह गए. भगवान शिव ने ही उनका नाम नर्मदा रखा और उनका एक नाम रेवा भी है. ऐसा कहा जाता है कि नर्मदा नदी के पवित्र जल में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

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