Kharchi Puja 2024 Wishes: खर्ची पूजा की इन हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photo SMS, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं

खर्ची पूजा एक ऐसा पर्व है, जिसमें धरती के साथ-साथ 14 राजवंशीय देवताओं की पूजा की जाती है और इसकी उत्पत्ति आदिवासी मूल की है. हालांकि इसे आदिवासी और गैर-आदिवासी दोनों समुदाय के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इस अवसर पर आप इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.

खर्ची पूजा 2024 (Photo Credits: File Image)

Kharchi Puja 2024 Wishes in Hindi: भारत के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा (Tripura) में त्रिपुरी समुदाय (Tripuri Community) के लोग खर्ची पूजा (Kharchi Puja) के त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं. इस साल खर्ची पूजा के पर्व को 14 जुलाई 2024 को मनाया जा रहा है. इस दिन राज्य की राजधानी अगरतला में स्थित त्रिपुरी समुदाय के राजवंशीय देवता सहित 14 देवताओं को समर्पित मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. इस पर्व को जुलाई महीने में अमावस्या के 8वें दिन मनाया जाता है. खर्ची का अर्थ है- ‘पृथ्वी’ और यह ‘ख्या’ शब्द से लिया गया है. यह ‘खर’ शब्द से भी लिया गया है, जिसका मतलब है ‘पाप’ और ‘ची’ जिसका अर्थ है ‘सफाई’, इसलिए यह एक ऐसा पर्व है, जिसमें धरती की सफाई की जाती है.

खर्ची पूजा एक ऐसा पर्व है, जिसमें धरती के साथ-साथ 14 राजवंशीय देवताओं की पूजा की जाती है और इसकी उत्पत्ति आदिवासी मूल की है. हालांकि इसे आदिवासी और गैर-आदिवासी दोनों समुदाय के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इस अवसर पर आप इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- खर्ची पूजा की शुभकामनाएं

खर्ची पूजा 2024 (Photo Credits: File Image)

2- खर्ची पूजा की हार्दिक बधाई

खर्ची पूजा 2024 (Photo Credits: File Image)

3- हैप्पी खर्ची पूजा

खर्ची पूजा 2024 (Photo Credits: File Image)

4- खर्ची पूजा 2024

खर्ची पूजा 2024 (Photo Credits: File Image)

5- शुभ खर्ची पूजा

खर्ची पूजा 2024 (Photo Credits: File Image)

इस पर्व से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, इस समय धरती माता या देवी मां मासिक धर्म में होती हैं, जिसे अमा पेची या अम्बु बाची कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान धरती देवी मां के मासिक धर्म के दौरान अशुद्ध होती हैं, इसलिए इन दिनों मिट्टी की जुताई नहीं की जाती है. मासिक धर्म समाप्त होने के बाद धरती को साफ करने के लिए खर्ची पूजा की जाती है. इस पूजा से जुड़ी रस्में सात दिनों तक निभाई जाती है. इस दिन अगरतला मंदिर परिसर से 14 देवताओं की मूर्तियों को सैदरा नदी में पवित्र स्नान कराने के बाद उन्हें मंदिर में स्थापित करके, विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस अवसर पर शानदार मेले के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है.
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