Kartik Purnima 2019: कार्तिक पूर्णिमा कब है? इस दिन गंगा स्नान और दीपदान से नष्ट होते हैं सारे पाप, जानें इसका महत्व
हिंदू धर्म में कार्तिक मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन गंगा में स्नान करने और दिन-पुण्य करने का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन जो भी मनुष्य गंगा स्नान करके दीपदान करता है उसके सारे पाप नष्ट होते हैं. कार्तिक मास भगवान विष्णु का प्रिय मास है, इसलिए पूरे महीने देवालय, नदी किनारे, तुलसी के सामने दीप जलाने से श्रीहरि-लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं
Kartik Purnima 2019: हिंदू धर्म में कार्तिक मास की पूर्णिमा (Kartik Purnima) का विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन गंगा में स्नान (Holy Bath In Ganga) करने और दिन-पुण्य करने का खास महत्व है. मान्यता है कि इस दिन जो भी मनुष्य गंगा स्नान करके दीपदान (DeepDaan) करता है उसके सारे पाप नष्ट होते हैं. कार्तिक मास भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का प्रिय मास है, इसलिए पूरे महीने देवालय, नदी किनारे, तुलसी के सामने दीप जलाने से श्रीहरि-लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा की पावन तिथि 12 नवंबर 2019 को पड़ रही है. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव (Lord Shiva) ने त्रिपुरासुर नामक राक्षक का वध किया था.
कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के दर्शन करने से व्यक्ति सात जन्मों तक ज्ञानी और धनवान होता है, इस दिन जब चंद्रमा आकाश में उदित होते हैं उसी समय छह कृतिकाओं शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा के पूजन करने चाहिए. ऐसा करने से भगवान शिव बेहद प्रसन्न होते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा- 12 नवंबर 2019 (मंगलवार)
पूर्णिमा प्रारंभ- 11 नवंबर 2019 की शाम 06.01 बजे से,
पूर्णिमा समाप्त- 12 नवंबर 2019 को शाम 07.04 बजे तक.
गंगा स्नान का है विशेष महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से पूरे वर्ष स्नान करने के बराबर पुण्य मिलता है. इस दिन गंगा, यमुना, गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. अगर आप इन नदियों में स्नान नहीं कर सकते हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इस दिन गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने और दान-पुण्य करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट होते हैं और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. यह भी पढ़ें: Guru Nanak Jayanti 2019: गुरु नानक जयंती कब है? जानिए 550वें प्रकाश पर्व की शुभ तिथि और इसका महत्व
पापों से मुक्ति दिलाता है दीपदान
वैसे तो पूरे कार्तिक महीने में दीपदान का विशेष महत्व है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के बाद दीपदान अवश्य करना चाहिए. माना जाता है कि इसी दिन संध्याकाल में भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था, इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु का विधिवत पूजन करना चाहिए फिर तुलसी के नीचे दीपक जलाने के बाद किसी पवित्र नदी के तट पर दीप जलाना चाहिए. माना जाता है कि इस दिन दीपदान करने से कई यज्ञों के बराबर फल मिलता है.
गौरतलब है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान और गंगा स्नान के अलावा दान करने का भी विशेष महत्व है. माना जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से पुण्यफलों की प्राप्ति होती है. इस दिन किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को दान करना चाहिए. इसके साथ ही किसी गाय को इस दिन श्रद्धापूर्वक भोजन कराना चाहिए. इस दिन किए गए दान का पुण्य फल न सिर्फ दान करने वाले व्यक्ति को बल्कि उसके पूर्वजों को भी प्राप्त होता है.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.