Hartalika Teej 2024 Messages: हैप्पी हरतालिका तीज! सखी-सहेलियों संग शेयर करें ये हिंदी Shayaris, WhatsApp Wishes, GIF Greetings और SMS
हरतालिका तीज के व्रत को अन्य व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है, क्योंकि करीब 36 घंटे तक महिलाएं बिना कुछ खाए-पिए निर्जल व्रत करती हैं. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. इस अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, शायरीज, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और एसएमएस के जरिए सखी-सहेलियों से हैप्पी हरतालिका तीज कह सकते हैं.
Hartalika Teej 2024 Messages in Hindi: विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से साल भर में कई व्रत करती हैं. अखंड सौभाग्य के लिए किए जाने वाले तमाम व्रतों में हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन सुहागन महिलाएं निर्जल व्रत रखकर देवों के देव महादेव (Mahadev) और माता पार्वती (Mata Parvati) की पूजा करती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से इस साल 6 सितंबर 2024 को अक्षय तृतीया मनाई जा रही है. हरतालिका तीज व्रत (Hartalika Teej Vrat) को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. इस व्रत के दौरान महिलाएं जल ग्रहण नहीं करती हैं और इस व्रत के नियमों का सख्ती से पालन किया जाता है
हरतालिका तीज के व्रत को अन्य व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है, क्योंकि करीब 36 घंटे तक महिलाएं बिना कुछ खाए-पिए निर्जल व्रत करती हैं. इस व्रत का पालन सुहागन महिलाओं के अलावा अच्छे वर की कामना से कुंवारी कन्याएं भी करती हैं. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. इस अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, शायरीज, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और एसएमएस के जरिए सखी-सहेलियों से हैप्पी हरतालिका तीज कह सकते हैं.
हरतालिका तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर हाथ में फूल और जल लेकर व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद मिट्टी से शिवलिंग, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा बनाकर प्रदोष काल में विधि-विधान से पूजा की जाती है. पूजन के दौरान सबसे पहले भगवान गणेश की ध्यान किया जाता है, फिर भगवान शिव का भांग, धतूरा, बेलपत्र, सफेद चंदन और पुष्प से पूजन किया जाता है. माता पार्वती को सोलह श्रृंगार और चुनरी अर्पित की जाती है. पूजन के दौरान हरतालिका तीज की कथा पढ़ी या सुनी जाती है, फिर शिव-पार्वती की आरती की जाती है और अगले दिन व्रत का पारण किया जाता है.