Gita Jayanti 2022 Quotes: गीता जयंती की शुभकामनाएं, अपनों संग शेयर करें श्रीमद्भगवत गीता के ये 10 अनमोल उपदेश
महाभारत के युद्ध से ठीक पहले कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने इसी पावन तिथि पर अपने मुख से अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए माना जाता है कि मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन श्रीमद्भगवत गीता का जन्म हुआ था. ऐसे में आप भी इस बेहद खास अवसर पर श्रीमद्भगवत गीता के इन 10 अनमोल उपदेशों को भेजकर गीता जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Gita Jayanti 2022 Quotes in Hindi: हिंदू धर्म में श्रीमद्भगवत गीता का विशेष महत्व बताया जाता है, क्योंकि सभी ग्रंथों में यही एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है. दरअसल, हिंदू धर्म के सभी ग्रंथों को ऋषि मुनियों द्वारा लिखा गया है, लेकिन श्रीमद्भगवत गीता (Shrimad Bhagwad Gita) भगवान श्रीकृष्ण (Bhagwan Shri Krishna) के उपदेश पर आधारित है, जिसमें श्रीकृष्ण ने जीवन और मृत्यु के गूढ़ रहस्य के बारे में बताया है. इस ग्रंथ में जीवन की समस्त समस्याओं के हल छुपे हुए हैं, जिस तरह से श्रीकृष्ण के उपदेश से अर्जुन के लिए महाभारत (Mahabharat) का युद्ध जीतना संभव हो सका, ठीक उसी तरह से गीता ज्ञान से हर व्यक्ति कठिन परिस्थियों को मात देकर जीत हासिल कर सकता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को गीता जयंती (Gita Jayanti) मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से आज यानी 3 दिसंबर 2022 को गीता जयंती मनाई जा रही है.
महाभारत के युद्ध से ठीक पहले कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने इसी पावन तिथि पर अपने मुख से अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए माना जाता है कि मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन श्रीमद्भगवत गीता का जन्म हुआ था. ऐसे में आप भी इस बेहद खास अवसर पर श्रीमद्भगवत गीता के इन 10 अनमोल उपदेशों को भेजकर गीता जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- अपने कर्म पर अपना दिल लगाएं, उसके फल की चिंता न करें.
2- चंचल मन को नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है.
3- सच्चा मित्र वही होता है जो आपके बुरे वक्त में साथ न छोड़े, दुख और परेशानी में सदा साथ दे.
4- व्यक्ति अपने विश्वास से निर्मित होता है, वो जैसा विश्वास करता है वैसा ही बन जाता है.
5- जो मन को नियंत्रित नहीं करते हैं, उनके लिए उनका मन शत्रु के समान कार्य करता है.
6- जो कर्म प्राकृतिक नहीं है, वह हमेशा तनाव पैदा करता है.
7- स्वार्थ व्यक्ति को अन्य लोगों से दूर नकारात्मक हालातों की ओर धकेलता है, इसलिए स्वार्थी न बनें.
8- वासना, क्रोध और लालच ये तीनों नर्क के द्वार हैं.
9- इंसान की इच्छाएं ही उसकी सभी परेशानियों की जड़ है, इसलिए अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखें.
यह भी पढ़ें: Gita Jayanti 2022 Date: कब और क्यों मनाते हैं गीता जयंती? जानें इसका महात्म्य, पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त?
10- जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु निश्चित है, इसलिए जो होना ही है उस पर शोक मत करो.
गौरतलब है कि श्रीमद्भगवत गीता में कुल 18 अध्याय हैं, जिसमें पहले के 6 अध्यायों में कर्मयोग, दूसरे के 6 अध्यायों में ज्ञानयोग और आखिरी के 6 अध्यायों में भक्तियोग के उपदेश दिए गए हैं. कुरुक्षेत्र में इन्हीं उपदेशों के जरिए भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन का मार्गदर्शन किया था. इसमें इंसान के जन्म से लेकर मौत तक के चक्र और मृत्यु के बाद के चक्र को विस्तारपूर्वक बताया गया है. कहा जाता है कि आज भी गीता के ये उपदेश मुश्किल हालात में इंसानों का मार्गदर्शन करने में मददगार साबित होते हैं.