Eid al-Adha 2024/ Eid Ul Azha Moon Sighting in Saudi Arabia and UAE: सऊदी अरब में आज धू-अल-हिज्जा का चांद देखने की कोशिश की गई. चांद नजर आने के बाद सऊदी अरब समेत खाड़ी देशों में 16 जून को बकरीद का त्योहार मनाया जायेगा.
Eid al-Adha Moon Sighting IN KSA-UAE: सऊदी अरब में नजर आया धू-अल-हिज्जा का चांद, 16 जून को मनाई जाएगी बकरीद
मुस्लिम धर्म में रमजान के बाद सबसे बड़ा और मुबारक जुल्हिज्जा का महिना का माना जाता है. इस महीने की आज से शुरुआत होने वाली है. जिसको लेकर आज शाम सूरज ढलने के बाद सऊदी अरब, यूइए समेत खाड़ी देखों में चांद देखने की कोशिश होगी.
Eid al-Adha 2024/ Eid Ul Azha Moon Sighting in Saudi Arabia and UAE: मुस्लिम धर्म में रमजान के बाद सबसे बड़ा और मुबारक जुल्हिज्जा का महिना का माना जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के 11वें महीने के बाद जुल्हिज्जा का महिना आता है. आज शाम को सऊदी अरब, यूएई, समेत खाड़ी देशों में जुल्हिज्जा यानी ईद अल-अधा का चांद देखने की कोशिश की जाएगी. अगर आज चांद नजर आता है, तो इस्लामिक कैलेंडर का 12वां महीना जुल्हिज्जा आज शुरू हो जाएगा. जुल्हिज्जा का चांद दिखने के बाद 10वें दिन कुर्बानी की जाती है और इसी महीने में हज भी होता है.
सऊदी अरब सुप्रीम कोर्ट ने सऊदी अरब के सभी मुसलमानों से गुरुवार, 6 जून 2024 की शाम को धू अल-हिज्जा के अर्धचंद्र की जांच करने का आह्वान किया है. अगर चांद आज नजर आया, तो 16 जून को ईद अल-अधा (बकरीद) का त्योहार मनाया जाएगा. यह भी पढ़े: Dhu al-Hijjah Moon Sighting In Saudi Arabia: Bakrid 2024 कब होगी? आज शाम सऊदी अरब में दिख सकता है चांद
बकरीद की फजीलत:
इस्लाम धर्म के अनुसार, अल्लाह ने हज़रत इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए उनसे उनकी सबसे प्यारी चीज़ की कुर्बानी मांगी.हज़रत इब्राहिम ने अपने बेटे इस्माइल को कुर्बान करने का फैसला किया और जब उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर बेटे की कुर्बानी देने की कोशिश की, तो अल्लाह के हुक्म से उनकी छुरी इस्माइल की गर्दन पर नहीं चली. इसके बजाय, अल्लाह ने एक दुम्मा भेड़ भेजा, जिसे इस्माइल की जगह कुर्बान किया गया. हरीश में रिवायत है कि इस्माइल की कुर्बानी की जगह एक भेड़ की कुर्बानी देने के बाद से इस्लाम धर्म में कुर्बानी की परंपरा चली आ रही है.
कुर्बानी का गोश्त तीन हिस्सों में बांटने की परंपरा:
बकरीद के दिन मुसलमान किसी जानवर जैसे बकरा, भेड़, ऊंट आदि की कुर्बानी देते हैं. कुर्बानी का गोश्त तीन हिस्सों में बांटा जाता है. एक हिस्सा खुद के लिए, दूसरा सगे-संबंधियों के लिए और तीसरा गरीबों में बांटा जाता है.