Chhath Puja 2020: छठ पूजा महापर्व के चौथे दिन दिया जाएगा ऊषा अर्घ्य, जानें उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
चार दिवसीय छठ पूजा का आखिरी दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पड़ता है. इस साल 21 नवंबर 2020 (शनिवार) को ऊषा अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर व्रती स्नानादि से निवृत्त होकर नदी या तालाब के घाट पर पहुंचते हैं और पानी में खड़े होकर ऊषाकाल में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं.
Chhath Puja 2020: पांच दिवसीय दिवाली (Diwali) के बाद मनाए जाने वाले छठ पूजा महापर्व (Chhath Puja Mahaparv) का आज (20 नवंबर 2020) मुख्य दिन है. इस दिन शाम के वक्त डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है, जिसे संध्या अर्घ्य (SandhyaArghya) कहते हैं. मान्यता है कि खरना (Kharna) की पूजा करने के बाद देवी षष्ठी का आगमन होता है और शाम के समय सूर्य देव की उपासना की जाती है. छठ पूजा का व्रत (Chhath Puja Vrat) महिलाएं अपनी संतान की रक्षा, सुखी जीवन और पूरे परिवार की सुख-शांति व आरोग्य की कामना से करती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से कार्तिक मास की सप्तमी तिथि तक छठ पूजा (Chhath Puja) का पर्व मनाया जाता है.
चार दिनों तक मनाए जाने वाले छठ पूजा पर्व का तीसरा और चौथा दिन सबसे अहम होता है. तीसरे दिन संध्या अर्घ्य के बाद व्रती अगले दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं, जिसे ऊषा अर्घ्य (Usha Arghya) कहते हैं. चलिए ऊषा अर्घ्य और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानते हैं. यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2020 Date & Full Schedule: नहाय-खाय, लोहंडा-खरना, संध्या और ऊषा अर्घ्य कब है? जानें 4 दिवसीय छठ पूजा पर्व की तिथि और पूरा शेड्यूल
ऊषा अर्घ्य
चार दिवसीय छठ पूजा का आखिरी दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पड़ता है. इस साल 21 नवंबर 2020 (शनिवार) को ऊषा अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर व्रती स्नानादि से निवृत्त होकर नदी या तालाब के घाट पर पहुंचते हैं और पानी में खड़े होकर ऊषाकाल में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इस दिन सूर्य की पत्नी ऊषा को अर्घ्य दिया जाता है. चौथे दिन ऊषा अर्घ्य और सूर्यदेव की विधिवत पूजा करने के बाद ही छठ पूजा का व्रत पूरा होता है. ऊषा अर्घ्य के बाद प्रसाद बांटकर व्रती अपने व्रत का पारण करते हैं और इसके साथ ही छठ पूजा का समापन होता है.
शुभ मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल सप्तमी- 21 नवंबर 2020 (शनिवार)
सूर्योदय का समय- सुबह 06:49 बजे.
सूर्यास्त का समय- शाम 05:25 बजे. यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2020: छठ पूजा महापर्व का तीसरा दिन, आज डूबते हुए सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य, जानें क्या है शुभ मुहूर्त
गौरतलब है कि षष्ठी तिथि के दूसरे दिन सप्तमी को ऊषाकाल में सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. पूजा के बाद व्रती कच्चे दूध का शरबत पीकर और थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत पूर्ण करते हैं, जिसे पारण कहते हैं. इस व्रत को सभी व्रतों में बेहद कठिन माना जाता है और इसके नियम भी बहुत कठोर होते हैं, जिनका व्रतियों को पालन करना पड़ता है.
मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान सूर्य और छठी मैया की कृपा प्राप्त होती है. निसंतानों को संतान का सुख प्राप्त होता है और इस व्रत के प्रभाव से आरोग्य, सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और खुशहाली का आगमन होता है. इस लोकपर्व को उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.