देशभर में तेजी से पांव पसार रहा है जीका वायरस; ऐसे करें खुद का और अपने परिवार का बचाव
देशभर में जीका वायरस का प्रकोप बढ़ता चला जा रहा है. राजस्थान, बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जीका के मामलें सामने आए है. जिसको देखते हुए केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई है. जीका विषाणु से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से इस बीमारी के फैलने पर अंकुश पाने के लिए मच्छरों के पनपने पर रोक लगाने को कहा है.
नई दिल्ली: देशभर में जीका वायरस का प्रकोप बढ़ता चला जा रहा है. राजस्थान, बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जीका के मामलें सामने आए है. जिसको देखते हुए केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई है. जीका विषाणु से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से इस बीमारी के फैलने पर अंकुश पाने के लिए मच्छरों के पनपने पर रोक लगाने को कहा है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य) संजीव कुमार ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की. उन्होंने जीका विषाणु पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत दिशानिर्देशों को लागू करने को कहा है.
एक अधिकारी के मुताबिक, ‘‘ राज्यों से जीका पर रोक लगाने के लिए वेक्टर (रोगाणुवाहक) नियंत्रण रणनीतियों में तेजी लाने को कहा गया है जिनमें लार्वा को खत्म करना, दवा के धुएं का झिड़काव तथा राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत दिशानिर्देशों का पालन करना शामिल है.’’
जीका एडीज एजीप्ट मच्छर से फैलता है जो डेंगू और चिकनगुनिया का भी वाहक है. यह मच्छर ठहरे पानी में पनपता है. मनुष्यों में जीका संक्रमण होने पर बुखार, शरीर में चकत्ते, सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशी में दर्द, और आंखों में लाल रंग आना प्रमुख है. जीका वायरस संक्रमण के लिए कोई टीका नहीं है. जीका वायरस से संक्रमित कई लोग खुद को बीमार महसूस नहीं करते. यदि मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है, जिसके खून में वायरस मौजूद हैं, तो यह किसी अन्य व्यक्ति को काटकर वायरस फैला सकता है.
हाल ही में हुए एक शोध के मुताबिक जीका संक्रमण के कारण किसी महिला की गर्भावस्था में बाधा पड़ सकती है. इसका कोई लक्षण भले ही नजर न आता हो, लेकिन यह गर्भपात और मृत शिशु के जन्म का कारण हो सकता है. जीका वायरस के कारण दिमागी विकृतियों वाले बच्चे पैदा होते हैं.
जीका वाइरस से बचने के लिए ऐसा करें –
- जब आप बाहर जाएं तो जूते, मोजे, लंबी आस्तीन वाली शर्ट और फुलपैंट पहनें.
- यह सुनिश्चित करें कि मच्छरों को रोकने के लिए कमरे में स्क्रीन लगी हो.
- ऐसे बग-स्प्रे या क्रीम लगाकर बाहर निकलें, जिसमें डीट या पिकारिडिन नामक रसायन मौजूद हो.
- जब एडिस मच्छर सक्रिय होते हैं, उस समय घर के अंदर रहें। ये मच्छर दिन के दौरान, सुबह बहुत जल्दी और सूर्यास्त से कुछ घंटे पहले काटते हैं.
- उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा पर जाने वालों, विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं का मच्छरों से भलीभांति बचाव करना चाहिए.