Year Ender 2022 Health Sector: पूरी दुनिया की आशा बना भारत, जानें कितना मजबूत हुआ देश का स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा

भारत सरकार भारत के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को निरंतर मजबूत करने के अथक प्रयास कर रही है. इसी के मद्देनजर सरकार का प्राइम फोकस देश की जनता को अच्छी से अच्छी व सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना है. इस क्रम सरकार ने तमाम बड़े कदम उठाए हैं.

(Photo Credit : Twitter/@shubhamrai80)

भारत सरकार (Indian Government) भारत के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को निरंतर मजबूत करने के अथक प्रयास कर रही है. इसी के मद्देनजर सरकार का प्राइम फोकस देश की जनता को अच्छी से अच्छी व सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना है. इस क्रम सरकार ने तमाम बड़े कदम उठाए हैं. आज हम इन्हीं के बारे में विस्तार से जानेंगे.

220 करोड़ वैक्सीन का अविश्वसनीय आंकड़ा पार

स्वास्थ्य क्षेत्र की उपलब्धियों पर गौर करें तो इस वर्ष की सबसे खास और सबसे बड़ी उपबल्धि 2022 में भारत द्वारा 220 करोड़ vaccine का अविश्वसनीय आंकड़ा पार करना है. इस आंकड़े को छूने से भारत का आकार दुनिया की नजर में और भी बड़ा हो गया है. दरअसल, इतनी बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन ड्राइव चलाना और उसे इस मुकाम तक पहुंचाना दुनिया के किसी भी देश के वश में नहीं रहा, लेकिन भारत ने इस उपलब्धि को हासिल किया. यह सब तब संभव हो पाया है जब भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा, सबसे तेज और पहला डिजिटल टीकाकरण अभियान चलाया. कोविन एप की मदद से यह और भी आसान हो गया. याद हो कोविड-19 का पहला मामला सामने आने के बाद एक वर्ष से भी कम समय में टीकों की शुरुआत अब तक की सबसे तेज शुरुआत रही है. भारत ने अपने टीकाकरण अभियान के तहत '17 दिसंबर 2021' को एक दिन में सबसे ज्यादा 2.5 करोड़ डोज लगाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया. यह भी पढ़ें : Year Ender 2022: जनवरी से लेकर दिसंबर तक, जानें इस साल ‘मन की बात’ के सभी एपिसोड में क्या बोले PM नरेंद्र मोदी

पूरी दुनिया की आशा बन चुका भारत

कोरोना ने जब एक बार फिर से पूरी दुनिया को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया है ऐसे में पूरी दुनिया के समक्ष चुनौतियां फिर से खड़ी होने वाली है लेकिन इन सबके बीच भारत ऐसा देश है जो पूरी दुनिया की आशा बन चुका है. दरअसल, भारत ने पहले भी कोरोना महामारी से लड़ने में विश्व के तमाम देशों की मदद की थी. ऐसे में एक बार फिर मदद के लिए दुनिया की नजर भारत पर ही रहने वाली है.

कोविड से लड़ने को फिर से तैयार

कोविड की आशंकाओं के बीच भारत ने फिर से टीकाकरण और प्रबंधन की तैयारी शुरू कर दी है. इसमें भारत का पुराना अनुभव कोविड रोकथाम में काफी अहम साबित होने वाला है. स्वास्थ्य मंत्रालय अपनी कमर कस चुका है और देश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्कता बरतने को आगाह कर चुका है. कोविड की सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां जहां दुनियाभर में अचानक से आ खड़ी हुई हैं, वहीं भारत में अभी भी कोविड पर नियंत्रण नजर आ रहा है. विश्व भर में इस तरह के लगभग 35 लाख मामले हर हफ्ते सामने आ रहे हैं, लेकिन भारत में फिलहाल 12 सौ मामले ही सामने आ रहे हैं.

4 करोड़ लोगों को मिला नि:शुल्क चिकित्सा उपचार

आज देश के प्रत्येक नागरिकों को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हमारा देश दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ''आयुष्मान भारत'' योजना को संचालित कर रहा है. भारत के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार को लेकर इस योजना का बड़ा सहारा मिला है. यह योजना खासतौर से गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की योजना 'आयुष्मान भारत' के परिणाम की बात करें तो इसका परिणाम काफी सकारात्मक रहा है. आयुष्मान भारत के तहत करीब 4 करोड़ को नि:शुल्क चिकित्सा उपचार मिला है.

28,800 से अधिक सरकारी व निजी अस्पताल सूचीबद्ध

वहीं आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्तपोषित विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है. प्रधानमंत्री- जेएवाई सेकेंडरी और तृतीयक अस्पताल में भर्ती के लिए लगभग 10.74 करोड़ गरीब व कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को कवर कर रहा है. आयुष्मान कार्डों की संख्या 17.6 करोड़ है और 28,800 से अधिक सरकारी व निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है.

6 नए एम्स चालू किए

बता दें, देश में 6 नए एम्स चालू किए जा चुके हैं. प्रथम चरण में, भोपाल, भुवनेश्‍वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में 6 एम्स चालू किए जाने थे. वहीं पीएमएसएसवाई के दूसरे चरण में, दो और एम्स- एक रायबरेली, उत्‍तर प्रदेश में और दूसरा रायगंज, पश्चिम बंगाल में- को मंजूरी प्रदान की गई है. पीएमएसएसवाई के प्रथम और द्वितीय चरणों में सुपर स्पेशियलिटी केंद्रों के निर्माण के लिए उन्नीस मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों का उन्‍नयन आरंभ किया गया है. 2014 से पहले केवल सात एम्स थे, जो स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे थे. केंद्रीय क्षेत्र की योजना के तहत नए एम्स की स्थापना के लिए 22 एम्स को मंजूरी दी गई है.

8,800 पीएम जन औषधि केंद्र

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना की मदद से आज पूरे भारत में लगभग 8,800 जन औषधि फार्मेसी दुकानो में 1,800 से अधिक सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. इससे देश की जनता को बहुत लाभ मिल रहा है. पहला जहां लोगों का दवा खरीदने में दिवाला निकल जाता था अब यही पीएम जनऔषधि केंद्र लोगों को ऐसी स्थिति से बचाने में बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं. दरअसल, 8,800 पीएम जनऔषधि केंद्र से किफायती दवा मिलने से लोगों के दवाओं पर होने वाले कुल खर्च में 50% से 90% की बचत हो रही है.

हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज शुरू करने का लक्ष्य

बता दें भारत सरकार ने हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज शुरू करने का लक्ष्य तय किया है. इस दिशा में सरकार तेजी से कार्य भी कर रही है. 2014 से पहले देश में जहां 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे, वहीं बीते 8 साल में देश में 200 से अधिक नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण हुआ है. भारत सरकार ने इसे सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा दिया है कि यह सभी की पहुंच में हो. बता दें 2014 के बाद से देश में मेडिकल कॉलेजों में 67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. केवल इतना ही नहीं देश में मेडिकल सीटों में भी 75 % की बढ़ोतरी हुई है.

देश में बन रहा WHO-ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन

देश में WHO-ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (डब्ल्यूएचओ- जीसीटीएम) बन रहा है. भारत जैसे एक विकासशील देश में यह इस तरह का पहला केंद्र होगा. इसका शिलान्यास गुजरात के जामनगर किया गया था. यह आगे चलकर वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए पारंपरिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा.

इंडिजीनस मैन्युफैक्चरिंग से लेकर बेहतर हुई रिसर्च

कोविड काल की आपातकालीन परिस्थिति को भारत ने बहुत बेहतर ढंग से हैंडल किया. इसी का परिणाम है कि अन्य देशों की तुलना में भारत आज इस महामारी से ज्यादा बेहतर तरीके से लड़ रहा है. भारत ने इंडिजीनस मैन्युफैक्चरिंग से लेकर कोविड काल में हुई रिसर्च से यह साबित कर दिया कि भारत नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकता है. कोविड काल में हर दिन करीब सवा लाख सेशन हुए. देश में रोजाना जब 80 लाख से 1 करोड़ कोविड वैक्सीनेशन दर्ज हो रहे थे, उसी समय देश में कोविड वैक्सीनेशन के लिए करीब सवा लाख सेशन हो रहे थे. इस प्रकार भारत आज इस मुकाम पर पहुंचा है

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