Bombay High Court का अहम फैसला- पत्नी का चाय बनाने से इनकार करना, उसपर हमले के लिए नहीं उकसाता

इस घटना के बाद महिला के पति को दस साल की सजा सुनाई गई थी. सजा काट रहे पति ने अब कोर्ट से रियात की गुजारिश की है. अपनी सजा में कमी की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि, उसकी पत्नी ने चाय बनाने से इनकार किया था. इसी वजह से वो गुस्से में आकर हमला कर दिया.

देश Anupriya Choubey|
Bombay High Court का अहम फैसला- पत्नी का चाय बनाने से इनकार करना, उसपर हमले के लिए नहीं उकसाता
चाय (Photo Credits: Pixabay)

पति-पत्नी का रिश्ता दुनिया में सबसे खुबसूरत होता है. ये दो आत्माओं का मिलन होता है मगर कई बार ऐसा भी होता है कि दो लोगों में जोड़ नहीं बैठता और झगडे होते है. ज़्यादातर बार मामले अदालत में पहुंचते हname="q" placeholder="Search" aria-label="Search" required> Close

Search

Bombay High Court का अहम फैसला- पत्नी का चाय बनाने से इनकार करना, उसपर हमले के लिए नहीं उकसाता

इस घटना के बाद महिला के पति को दस साल की सजा सुनाई गई थी. सजा काट रहे पति ने अब कोर्ट से रियात की गुजारिश की है. अपनी सजा में कमी की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि, उसकी पत्नी ने चाय बनाने से इनकार किया था. इसी वजह से वो गुस्से में आकर हमला कर दिया.

देश Anupriya Choubey|
Bombay High Court का अहम फैसला- पत्नी का चाय बनाने से इनकार करना, उसपर हमले के लिए नहीं उकसाता
चाय (Photo Credits: Pixabay)

पति-पत्नी का रिश्ता दुनिया में सबसे खुबसूरत होता है. ये दो आत्माओं का मिलन होता है मगर कई बार ऐसा भी होता है कि दो लोगों में जोड़ नहीं बैठता और झगडे होते है. ज़्यादातर बार मामले अदालत में पहुंचते है. ऐसा ही एक मामला बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष आया जहा जहाँ एक पति ने पत्नी पर हमला किया जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. पति ने सजा में रियायत मांगी थी. बता दे कि, मामला 2013 का है जब एक शख्स ने अपनी पत्नी पर हथौड़े से हमला किया था. वहीं इस हमले में उसकी मौत हो गई थी.

इस घटना के बाद महिला के पति को दस साल की सजा सुनाई गई थी. सजा काट रहे पति ने अब कोर्ट से रियात की गुजारिश की है. अपनी सजा में कमी की मांग करते हुए उसने  कहा कि,  पत्नी ने चाय बनाने से इनकार किया था. इसी वजह से उसने गुस्से में आकर हमला कर दिया.

वहीं इस बात पर अदालत ने कहा कि पत्नी के साथ मारपीट करने के बाद, उसे अस्पताल ले जाने की बजाय सबूत नष्ट करने में समय बर्बाद किया, इसलिए सजा में कोई बदलाव नहीं होगा. इसलिए अपील खारिज की जाती है.

ज्ञात हो कि, संतोष अटकर को एक जुलाई, 2016 में सजा सुनाई गई थी. उसकी याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे को वकील सारंग अराध्य द्वारा सूचित किया गया कि संतोष को गैर इरादतन हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था, न कि भारतीय दंड संहिता की धारा 304 और 201 के तहत.

इसके साथ ही बता दे कि, 19 दिसंबर, 2013 को मृतक महिला के मामा ने शिकायत दर्ज किया था.

cript:;" data-toggle-class="tab_latest_news" data-toggle="tab">ताजा खबरें
  • ट्रेंडिंग खबरें
  • शहर पेट्रोल डीज़ल
    New Delhi 96.72 89.62
    Kolkata 106.03 92.76
    Mumbai 106.31 94.27
    Chennai 102.74 94.33
    शहर पेट्रोल डीज़ल
    New Delhi 96.72 89.62
    Kolkata 106.03 92.76
    Mumbai 106.31 94.27
    Chennai 102.74 94.33
    View all
    Currency Price Change