पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी सरकार ने ICMR पर लगाया आरोप, खराब टेस्टिंग किट मिलने के कारण कोरोना की जांच में हुई देरी
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) पर गंभीर आरोप लगाया है. राज्य के स्वास्थ विभाग ने कहा कि ICMR ने खराब टेस्टिंग किट सप्लाई किए हैं.
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. देश में COVID-19 के संक्रमण के 17 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 543 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच पश्चिम बंगाल (West Bengal) के स्वास्थ्य विभाग ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) पर गंभीर आरोप लगाया है. राज्य के स्वास्थ विभाग ने कहा कि ICMR ने खराब टेस्टिंग किट सप्लाई किए हैं. राज्य के स्वास्थ विभाग ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि ICMR-NICED द्वारा सप्लाई किए गए खराब टेस्ट किट बार बार गलत नतीजे दे रहे हैं जिस कारण मरीजों के इलाज में देरी हो रही है.
बंगाल सरकार ने रविवार को आरोप लगाया कि जो कोरोना वायरस टेस्टिंग किट उन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और NICED से मिले हैं वे सभी खराब हैं. ये किट उन्हें दो हफ्ते पहले मिले थे. खराब टेस्ट किट मिलने की वजह से किसी भी सैंपल की फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकी. एक ही सैंपल को बार-बार टेस्ट किया जा रहा है. सरकार ने अब इस मामले में ICMR से तुरंत जांच की मांग की है. यह भी पढ़ें- Coronavirus in India: देशभर में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 17 हजार के पार, अब तक 543 की मौत.
ICMR पर ममता सरकार का आरोप-
राज्य में स्वास्थ्य विभाग ने पहले कहा था कि पहले कोई समस्या नहीं थी जब टेस्ट किट सीधे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे से प्राप्त की जा रही थी. हालांकि, हाल ही में पश्चिम बंगाल के सरकारी लैब्स को आईसीएमआर-एनआईसीईडी, कोलकाता के माध्यम से आपूर्ति की गई है.
इससे पहले NICED कोलकाता के डायरेक्टर डॉक्टर शांता दत्ता ने कहा कि कोरोना सैंपल के नतीजे इसलिए अलग-अलग आ रहे हैं, क्योंकि RTP-CR किट्स को स्टैंडराइज्ड नहीं किया गया है. दरअसल इससे कई लैब जुड़े हैं. ICMR से इस मामले में बात हो गई है और तुंरत इसे ठीक करने की कोशिश की जाएगी.उन्होंने कहा था, यह बड़ी खामी है. पिछले हफ्ते हमें हर दिन 20 नमूने भी प्राप्त नहीं हो रहे थे. कितने सैंपल भेजे जाएंगे इसका फैसला राज्य सरकार करती है, इसलिए अगर वे और नमूने भेजेंगे तो हम ज्यादा जांच कर पाएंगे.
इससे पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार पर विपक्ष ने कोरोना के असली आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया था. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि बंगाल में मरीजों की कम संख्या के पीछे वजह है काफी कम संख्या में टेस्टिंग. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल में अब तक COVID-19 के 310 मामले सामने आए हैं और इससे अब तक 12 मौतें हुई हैं. इस महीने की शुरुआत में, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था और उनसे राज्य के लिए 25,000 करोड़ रुपये मंजूर करने का अनुरोध किया था.