West Bengal Assembly Elections 2021: चुनाव आयोग ने बंगाल में कोविड प्रोटोकॉल बनाए रखने के लिए 16 अप्रैल को बुलाई सर्वदलीय बैठक
चुनाव आयोग ने बंगाल में कोविड प्रोटोकॉल बनाए रखने के लिए बुलाई सर्वदलीय बैठक
West Bengal Assembly Elections 2021: पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब ने कोविड-19 के बीच प्रचार अभियान से संबंधित मामलों पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. सभी राज्य और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों से केवल एक ही प्रतिनिधि भेजने को कहा गया है. आयोग की पहल कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा जिला प्रशासन और राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को आवश्यक उपाय करने के निर्देश जारी करने के बाद आई है. यह निर्देश इसलिए दिए गए, ताकि चुनाव आयोग द्वारा कोविड संबंधित स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के संबंध में निर्धारित दिशा-निर्देशों को सख्ती से बनाए रखा जाए.
राज्य के सभी राजनीतिक दलों को लिखे गए पत्र में आफताब ने कहा है कि शुक्रवार को उपरोक्त विषय पर सभी राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी. उन्होंने राजनीतिक दलों से इस उद्देश्य के लिए केवल एक प्रतिनिधि भेजने को कहा है. इस बीच चुनाव आयोग ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों और मतदान वाले जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की और उनसे जिला स्तर के नेताओं से बात करने को कहा, ताकि वे कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क पहनना और सामाजिक दूरी को बनाए रखें. यह भी पढ़े: CM ममता बनर्जी का विरोधियों पर हमला, बोली- पश्चिम बंगाल कोरोना और साजिश दोनों से जीतेगी
आयोग ने जिला प्रशासन को भी सख्त रहने के लिए कहा है और उन्हें सभी कोविड मानदंडों को सख्ती के साथ लागू करने का निर्देश दिया है। राज्य में आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अगर राजनीतिक दल आयोग द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमन का पालन नहीं करते हैं, तो जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि यदि आवश्यक हो तो राजनीतिक रैलियों को रोक दें.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया है, ताकि चुनाव आयोग द्वारा कोविड से संबंधित स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के संबंध में निर्धारित दिशानिदेशरें का राजनीतिक दलों सहित सभी हितधारकों द्वारा कड़ाई से पालन किया जा सके.
अदालत ने स्पष्ट किया है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में विफल रहने वाले, इसकी उपेक्षा करने वाले या इसे मानने से मना करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने चाहिए.