पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने 19 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने स्टाफ के एक सदस्य के शेयर बाजार में निवेश का जिक्र किया. सहवाग ने बताया कि उनके स्टाफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जून में किए गए एक पोस्ट के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के तीन प्रमुख बैंकों- केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक में 80 लाख रुपये का निवेश किया था. लेकिन, तीन महीने बाद, शेयर की कीमतें 20 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुकी हैं, जिससे उनके स्टाफ में घबराहट है.
क्या था सहवाग का पोस्ट?
वीरेंद्र सहवाग ने अपने ट्वीट में कहा कि उनका स्टाफ सदस्य पीएम मोदी का बहुत बड़ा प्रशंसक है और उन्हीं के एक पोस्ट को देखकर उसने इन बैंकों के शेयरों में निवेश करने का फैसला किया था. लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि निवेश के बाद इन तीन बैंकों के शेयरों ने वह मूल्य फिर से नहीं छुआ, जबकि निफ्टी 10 प्रतिशत ऊपर है. सहवाग ने यह भी बताया कि उनका स्टाफ अब इस निवेश को लेकर काफी चिंतित है, क्योंकि उसने अपने संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा इन शेयरों में लगा दिया था. इस पूरे मामले को लेकर सहवाग ने विशेषज्ञों से सलाह भी मांगी थी, लेकिन बाद में उन्होंने यह ट्वीट डिलीट कर दिया.
पीएम मोदी के पोस्ट के बाद स्टाफ मेंबर ने PSU बैंकों में पैसा लगाया: सहवाग
सहवाग ने अपने ट्वीट में जिन बैंकों का जिक्र किया केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक उनके शेयरों में प्रधानमंत्री मोदी के पोस्ट के बाद गिरावट देखने को मिली. जून में पीएम मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU Banks) की तारीफ करते हुए एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि ये बैंक मजबूत स्थिति में हैं. इसके बाद कई निवेशकों ने इन बैंकों के शेयरों में पैसे लगाए. लेकिन, तीन महीने बाद, इन शेयरों में लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा.
शेयर बाजार में निवेश हमेशा जोखिम भरा होता है, और वीरेंद्र सहवाग के स्टाफ सदस्य के साथ जो हुआ, वह इसी जोखिम का एक उदाहरण है. कोई भी स्टॉक या कंपनी, चाहे वह सरकारी बैंक हो या निजी, उसकी कीमतें बाजार की स्थितियों, अर्थव्यवस्था और कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करती हैं. इसलिए, किसी भी निवेश से पहले सही रिसर्च और विशेषज्ञों की सलाह लेना जरूरी होता है.
विशेषज्ञ इस मामले में यही सलाह देंगे कि घबराने की बजाय, निवेशकों को लंबी अवधि के नजरिए से सोचना चाहिए. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं, और जो लोग धैर्य बनाए रखते हैं, उन्हें अक्सर लंबे समय में बेहतर रिटर्न मिलता है.
सहवाग ने यह ट्वीट कुछ समय बाद डिलीट कर दिया, जिसकी वजह स्पष्ट नहीं है. हो सकता है कि उन्होंने इसे अपने स्टाफ की निजी जानकारी को उजागर होने से रोकने के लिए हटाया हो, या फिर यह भी हो सकता है कि उन्होंने इस मामले को और बड़ा बनने से रोकने के लिए कदम उठाया हो.