जम्मू-कश्मीर: आतंकियों को आईना दिखाने के लिए रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले का दहन

जम्मू के गांधीनगर में इस दशहारा भी असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक ‘रावण वध’ किया गया. गुरुवार को रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले का दहन किया गया. इस दौरान दहन देखने के लिए लोग भी उमड़े. भगवान राम द्वारा रावण का वध करने की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है.

जम्मू कश्मीर में धूधाम से मनाया गया दशहरा (Photo Credit: ANI)

श्रीनगर: जम्मू के गांधीनगर में इस दशहारा भी असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक ‘रावण वध’ किया गया. गुरुवार को रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले का दहन किया गया. इस दौरान दहन देखने के लिए लोग भी उमड़े. भगवान राम द्वारा रावण का वध करने की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है. ठीक इसी प्रकार घाटी में रावण दहन होना आतंकियों को आईना दिखाने के समान है.

जानकारी के मुताबिक जम्मू के परेड ग्राउंड में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जबकि राज्य के विभिन्न जिलों में सूरज ढलते ही रावण, कुंभकर्ण और मेद्यनाथ के पुतले को आग के हवाले कर समाज को अच्छाई का संदेश दिया गया. इस दौरान सैकड़ों की तादाद में विजयदशमी की इस पुरानी परंपरा को देखने आए लोगों में उत्साह देखते ही बन रहा था. हर कोई तीनों के पुतलों को आग के हवाले करने वाले दृश्य को देखने के लिए बेताब दिखा.

दशहरा पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने के लिए जम्मू पुलिस कड़े बंदोबस्त किए है. इसके लिए बकायदा रणनीति तैयार की गई थी. राज्य के जिन मैदानों में रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित होता है, वहां पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था. आयोजन स्थलों पर पुलिस के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल के जवान तैनात किए गए है. कई वरिष्ठ अधिकारियों ने खुद ग्राउंड में जाकर सुरक्षा बंदोबस्त का जायजा लिया था और पुलिस अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए.

बता दें की राजधानी श्रीनगर में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के एक वांछित आतंकवादी सहित तीन आतंकवादी मारे गए जबकि एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया. जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर शहर के सारे स्कूल और शिक्षण संस्थान बंद कर दिए. साथ ही, मोबाइल इंटरनेट सेवा भी रोक दी.

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