Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Update: सुरंग में फंसे श्रमिक कभी भी आ सकते हैं बाहर, NDRF की टीम टनल के अंदर की इंट्री

कहते हैं कि हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती, और इस कहावत को चरितार्थ किया सिलक्यारा टनल हादसे में 12 दिनों से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन करने वाले तमाम एजेंसियों,एनडीआरएफ, एसडीआरएफ,बीआरओ,नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, आईटीबीपी, और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम, जो लगातार 24 घंटे रेस्क्यू में जुटी हुई है और साथ ही उन 41 मजदूरों की भी, जो 12 दिनों से टनल के अंदर अपनी जिंदगी और मौत से डट कर सामना कर रहे हैं.

(Photo : X)

Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Update: कहते हैं कि हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती, और इस कहावत को चरितार्थ किया सिलक्यारा टनल हादसे में 12 दिनों से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन करने वाले तमाम एजेंसियों,एनडीआरएफ, एसडीआरएफ,बीआरओ,नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, आईटीबीपी, और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम, जो लगातार 24 घंटे रेस्क्यू में जुटी हुई है और साथ ही उन 41 मजदूरों की भी, जो 12 दिनों से टनल के अंदर अपनी जिंदगी और मौत से डट कर सामना कर रहे हैं. जी हां अब जल्द ही पहाड़ की सीना चीरकर 41 जिंदगियां, आखिरकार बाहर आने वाली हैं. सिलक्यारा सुरंग में अब हलचल बढ़ गई है. ऐंबुलेंस, ऑक्सीजन और बेड की तैयारी देखकर उम्मीद जताई जा रही है कि जल्‍द ही 41 श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा. एनडीआरएफ के 10 से 12 जवान रस्सी, स्ट्रेचर और ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर टनल के अंदर गए हैं.

इससे ये साफ है कि जल्द ही रेस्क्यू को सफलतापूर्वक खत्म किया जाएगा और अंदर फंसे मजदूर बाहर आ जाएंगे. बाहर निकालने के बाद तुरंत ही सभी मजदूरों को सीधे चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा. जिसकी तैयारी की जा रही है. एनडीआरएफ ने भी बचाव की ब्रीफिंग शुरू कर दी है. टनल में फंसे 41 मजदूरों को एनडीआरएफ के जवान ही टनल से बाहर निकालेंगे. यह भी पढ़ें : Uttarkashi Tunnel Accident: सिलक्यारा सुरंग में श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान का कार्य अंतिम चरण में पहुंचा

टनल के बाहर प्राथमिक उपचार की भी तैयारी तेज कर दी गई है. टनल के बाहर अस्थायी अस्पताल तैयार है. श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके एम्स ले जाया जा सकता है. उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भी 45 बेड अलग से रिजर्व कर दिए गए हैं. सुरंग स्थल के पास एंबुलेंस भी तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उत्तरकाशी पहुंच गए हैं. जहां वो उस पल के साक्षी बनेगें जब 41 मजदूर टनल से बाहर आएंगे.

सीएम धामी ने बताया कि, "सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के स्थलीय निरीक्षण हेतु उत्तरकाशी पहुंच रहा हूं." वहीं अभी से ही हेलीपैड पर 41 एंबुलेंस को तैनात कर दिया है. सभी एबुलेंस पर डॉक्टरों की एक टीम मौजूद है. क्योंकि मजदूरों की संख्या 41 है. इसलिए एंबुलेंस भी 41 ही मंगवाई गई हैं.

वहीं ये भी कहा जा रहा है कि जैसे ही मजदूरों को टनल से रेस्क्यू कर बाहर लाया जाएगा. उस वक्त आतिशबाजी के साथ उनका स्वागत किया जाएगा. बता दें कि सभी 41 मजदूर दिवाली के दिन से ही टनल में फंसे थे. जिसके चलते उनकी और उनके परिवार, साथ ही रेस्क्यू में जुटी टीमों की दिवाली नहीं मनी थी. जिसको देखते हुए आज सफल रेस्क्यू होने पर बाहर दिवाली मनाए जाने की संभावना है.

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