लखनऊ: दिवाली से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को बड़ा तोहफा दिया है. उन्होंने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वाराणसी में 614 करोड़ के विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया. इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से दिवाली के मौके पर लोकल सामान का इस्तेमाल करने की अपील की. उन्होंने कहा कि बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से काशी कोरोना काल में भी नहीं रुकी. कोरोना के खिलाफ बनारस ने बखूबी लड़ाई लड़ी है, इस मुश्किल समय में जो सामाजिक एकजुटता का परिचय दिया वो बहुत प्रशंसनीय है. वाराणसी में आज भी करीब 220 करोड़ रुपये की 16 योजनाओं के लोकार्पण के साथ, करीब 400 करोड़ रुपये की 14 योजनाओं पर काम शुरु हुआ है. राम मन्दिर का भूमि पूजन होने से अयोध्या में दीपोत्सव का विशेष महत्व: CM योगी आदित्यनाथ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कही ये बड़ी बातें-
- बनारस के शहर और देहात के इस विकास योजना में पर्यटन के साथ-साथ संस्कृति और सड़क, बिजली, पानी भी हो। हरदम प्रयास ये ही है कि काशी के हर व्यक्ति की भावनाओं के अनुरूप ही विकास का पहिया आगे बढ़े. मां गंगा को लेकर ये प्रयास, ये प्रतिबद्धता काशी का संकल्प भी है, और काशी के लिए नई संभावनाओं का रास्ता भी है. धीऱे-धीरे यहां के घाटों की तस्वीर बदल रही है. गंगा घाटों की स्वच्छता और सुंदरीकरण के साथ-साथ सारनाथ भी नए रंगरूप में निखर रहा है.
- गंगा एक्शन प्लान प्रोजेक्ट के तहत काशी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा हो चुका है. साथ ही साही नाला से अतिरिक्त सीवेज गंगा में गिरने से रोकने के लिए डायवर्जन लाइन का शिलान्यास भी किया गया है. आज जिस लाइट एंड साउंड कार्यक्रम का लोकार्पण किया गया है, उससे सारनाथ की भव्यता और अधिक बढ़ जाएगी.
बनारस में जो विकास के कार्य हो रहे हैं, सरकार ने जो निर्णय लिये हैं, उनका लाभ बनारस के लोगों को मिल रहा है।
ये जो सब कुछ हो रहा है उसके पीछे बाबा विश्वनाथ का ही आशीर्वाद है: पीएम श्री @narendramodi https://t.co/kzGIJvqvFf pic.twitter.com/66c3aepheN
— BJP (@BJP4India) November 9, 2020
- काशी की एक बड़ी समस्या यहां लटकते बिजली के तारों के जाल की रही है. आज काशी का बड़ा क्षेत्र बिजली के तारों के जाल से भी मुक्त हो रहा है. तारों को अंडरग्राउंड करने का एक और चरण, आज पूरा हो चुका है.
- बनारस की कनैक्टिविटी हमेशा से हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है. काशीवासियों का और यहां ने वाले हर श्रद्धालु का समय सड़क जाम में न लगे, इसके लिए यहां नए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है. बाबतपुर से शहर को कनेक्ट करने वाली सड़क भी अब बनारस की नई पहचान बनी है. आज एयरपोर्ट पर दो यात्री बोर्डिंग ब्रिज का लोकार्पण होने के बाद इन सुविधाओं का और विस्तार होगा. छह वर्ष पहले जहां बनारस से हर दिन 12 फ्लाइट्स चलती थीं, आज इससे 4 गुणा फ्लाइट्स चलती हैं.
- बीते छह सालों में बनारस में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी अभूतपूर्व काम हुए हैं. आज काशी यूपी ही नहीं, बल्कि एक तरह से पूरे पूर्वांचल के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनता जा रहा है.
- अब पूर्वांचल के लोगों को छोटी-छोटी जरूरत के लिए दिल्ली-मुंबई के चक्कर नहीं लगाने पड़ते. बनारस और पूर्वांचल के किसानों के लिए तो स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्ट तक की अनेक सुविधाएं यहां तैयार की गई हैं. अंतर्राष्ट्रीय चावल संस्थान का सेंटर हो, दूध प्रसंस्करण संयंत्र, Perishable कार्गो सेंटर का निर्माण हो, ऐसी अनेक सुविधाओं से किसानों को बहुत लाभ हो रहा है.
- गांव में रहने वाले लोगों को, गांव की जमीन, गांव के घर का, कानूनी अधिकार देने के लिए ‘स्वामित्व योजना’ शुरू की गई है. गांवों में घर मकान को लेकर जो विवाद होते थे, इस योजना से मिले प्रॉपर्टी कार्ड के बाद, उनकी गुंजाइश नहीं रह जाएगी. गांव, गरीब और किसान आत्मनिर्भर अभियान के सबसे बड़े स्तंभ और लाभार्थी हैं. हाल में जो कृषि सुधार हुए हैं, उससे किसानों को सीधा लाभ होने वाला है. किसानों के नाम पर किसानों की मेहनत हड़प जाने वाले बिचौलियों को सिस्टम से दूर किया जा रहा है.
- आजकल, ‘लोकल के लिए वोकल’ के साथ ही, लोकल फॉर दिवाली के मंत्र की गूंज चारो तरफ है. हर एक व्यक्ति जब गर्व के साथ लोकल सामान खरीदेगा, नए-नए लोगों तक ये बात पहुंचाएगा कि हमारे लोकल प्रोडक्ट कितने अच्छे हैं, किस तरह हमारी पहचान हैं, तो ये बातें दूर-दूर तक जाएंगी.
पीएम मोदी आज सारनाथ लाइट एंड साउंड शो, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल रामनगर का उन्नयन, सीवरेज संबंधित कार्य, गायों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का प्रबंध, बीज भंडार गृह, 100 मीट्रिक टन कृषि उपज क्षमता वाले गोदाम, संपूणार्नंद स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिये एक आवास, वाराणसी शहर के स्मार्ट लाइटिंग कार्य, 105 आंगनवाड़ी केंद्र और 102 गौ आश्रय केंद्र जैसी परियोजनाओं का शुभारंभ किया.