UP: लखनऊ में प्रॉपर्टी विवाद के बाद दलित को SUV से कुचलकर मारा, आरोपी गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में प्रॉपर्टी विवाद (Property Dispute) को लेकर एक दलित की हत्या कर दी गई. मंगलवार को कथित रूप से विजय प्रताप रावत (Vijay Pratap Rawat) को उसके पार्टनर मनोज यादव (Manoj Yadav) ने एसयूवी से कुचला और फिर गोली मार दी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में प्रॉपर्टी विवाद (Property Dispute) को लेकर एक दलित की हत्या कर दी गई. मंगलवार को कथित रूप से विजय प्रताप रावत (Vijay Pratap Rawat) को उसके पार्टनर मनोज यादव (Manoj Yadav) ने एसयूवी से कुचला और फिर गोली मारी. घटना के वक्त 35 वर्षीय विजय सुबह की सैर पर निकला था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि एक अन्य आरोपी फरार है. पेड़ से लटका मिला नाबालिग का शव, पिता ने लगाया हत्या का आरोप
मिली जानकारी के मुताबिक पूरणपुर (Poornpur) गांव के ग्राम विकास परिषद के सदस्य रावत मंगलवार सुबह को सैर के लिए निकले थे, इस बीच आउटर रिंग रोड पहुंचने पर यादव ने उस पर कई बार एसयूवी चढ़ाई और दो बार गोली मारी. शख्स की हत्या करने के बाद आरोपी अपने सहयोगी लल्लू यादव (Lallu Yadav) के साथ कथित तौर पर फरार हो गया. मनोज समाजवादी पार्टी के अधिवक्ता संघ का जिला उपाध्यक्ष भी बताया जा रहा है.
मोहनलालगंज (Mohanlalganj) के सर्किल ऑफिसर प्रवीण मलिक (Praveen Malik) ने कहा कि पुलिस ने घटना के तुरंत बाद यादव को गिरफ्तार कर लिया. वह इस हत्या को हादसा साबित करना चाहता था. हालांकि कथित तौर पर यादव ने रावत पर दो गोलियां चलाईं, लेकिन उससे चोट के निशान शव पर नहीं पाए गए. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने घटनास्थल पर दो खाली कारतूस बरामद किए और उसकी जांच की जा रही है.
यादव और रावत एक साथ जमीन की खरीद-फरोख्त का काम करते थे. यादव ने रावत के नाम पर एक दलित की जमीन खरीदी. बाद में यादव ने रावत को उस संपत्ति को उनके नाम पर ट्रांसफर करने के लिए, लेकिन दोनों में विवाद हो गया. इसी रंजिश में मनोज ने विजय को रास्ते से हटाने की साजिश रची.
बताया जा रहा है कि विजय की हत्या करने के बाद मौके से फरार होते समय मनोज की गाड़ी अनियंत्रित होकर एक खंभे से टकरा गई और पलट गई. इस हादसे में उसे काफी चोटें आई है. पुलिस ने आरोपी मनोज यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.