लखनऊ: : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शनिवार को अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Temple) के भूमि पूजन की तैयारियों का जायजा लिया. आज दोपहर अयोध्या पहुंचकर उन्होंने राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास की तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने रामजन्मभूमि स्थल पर भगवान राम की पूजा की और भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण को नए आसन पर विराजमान कराया.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर को लेकर हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तमाम अधिकारी भूमि पूजन और प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों में जुटे हुए है. माना जा रहा है कि राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होने के लिए पीएम मोदी 5 अगस्त को अयोध्या आ रहे है. जिस वजह से खुद मुख्यमंत्री तैयारियों की समीक्षा करने के लिए अयोध्या पहुंचे. राम मंदिर की नींव में डालने के लिए दिल्ली के 11 स्थानों की मिट्टी अयोध्या भेजी गई
#WATCH अयोध्या: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना की। pic.twitter.com/yUlwAieKTD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 25, 2020
साधु-संतों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि के लिए संगठित रूप से देशव्यापी आंदोलन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मार्गदर्शन में विश्व हिन्दू परिषद ने संतों के निर्देशन में चलाया और परिणाम हमारे सामने आया है. उन्होंने कहा अयोध्या के सामने एक अवसर है कि दुनिया जिस प्रकार से अयोध्या को देखना चाहती है उस प्रकार की क्षमता हम लोगों में है या नहीं. ये हमें स्वयं अपने आत्म अनुशासन के माध्यम से दुनिया को साबित करना है, अयोध्या को देश और दुनिया का गौरव प्रदान करेंगे. अयोध्या मंदिर : राम मंदिर आंदोलन के नेता ‘भूमि पूजन’ के लिए आमंत्रित
Ayodhya: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath takes stock of preparations, ahead of foundation laying of Ram temple. pic.twitter.com/hSbOLimyOM
— ANI UP (@ANINewsUP) July 25, 2020
उल्लेखनीय है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की निगरानी के लिए ‘श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट बनाया गया है. न्यास के सदस्यों के मुताबिक मंदिर निर्माण की अनुमानित लागत 300 करोड़ रूपये है जबकि मंदिर परिसर के इर्दगिर्द 20 एकड़ की भूमि के विकास के लिए 1,000 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी. इसे देखते हुए पिछले साल 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी धन संग्रह अभियान चलाया गया था.