हैदराबाद, 13 मई : यह एक कोविड योद्धा की दिल दहला देने वाली कहानी है. एक युवा महिला चिकित्सक बच्चे को जन्म देने के एक हफ्ते बाद कोरोना से जंग हार गई. 31 साल की डॉ फरहा निलोफर ने बुधवार को हैदराबाद (Hyderabad) के पुराने शहर के प्रिंसेस एसरा अस्पताल में वायरस से दम तोड़ दिया. गजवेल में सरकारी क्षेत्र के अस्पताल में डॉक्टर ने महामारी के दौरान लगातार काम किया और अपने दोस्तों और सहयोगियों के सुझावों के बावजूद मातृत्व अवकाश का लाभ नहीं उठाया. अपने समर्पण के लिए जानी जाने वाली, वह आउट पेशेंट विभाग में काम कर रही थीं और कोविड टीकाकरण ड्यूटी पर भी थीं. लगभग 10 दिन पहले वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं, जिसके बाद डॉक्टर को हैदराबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
डॉ फरहा ने शादान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Institute of Medical Sciences) से एमबीबीएस और हैदराबाद के निलॉफर अस्पताल से पीडियाट्रिक्स में एमडी किया था. बाल रोग में सहायक प्रोफेसर गजवेल के एरिया अस्पताल में क्लिनिकल एसोसिएट के रूप में तैनात थीं. युवा डॉक्टर की मौत ने मेडिकल फर्टिनिटी को झकझोर कर रख दिया है. काकतीय मेडियल कॉलेज, वारंगल की प्रोफेसर हेमा बिंदू के अनुसार, डॉ फरहा की कोरोना की वजह से मौत हो गई. तीन दिन पहले उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. हेमा बिंदू ने कहा, वह बहुत प्रतिभाशाली, गतिशील और ऊजार्वान डॉक्टर थीं और एक बहुत ही समर्पित बाल रोग विशेषज्ञ थीं. यह भी पढ़ें : Road Accident: कौशांबी के मंझनपुर में ट्रक ने बाइक को टक्कर मारी, 2 लोगों की मौत, एक घायल
महामारी की दूसरी लहर के दौरान तेलंगाना ने अब तक 21 डॉक्टरों को कोविड को खो दिया है. हेल्थकेयर रिफॉर्म्स डॉक्टर्स एसोसिएशन, विशेष रूप से तेलंगाना के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधारों के लिए काम करने वाली एक संस्था, ने उन सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए सहायता राशि की मांग की है, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान कोविड से दम तोड़ दिया.