सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सीबीआई जांच के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार की मंजूरी के बिना चुनाव बाद हिंसा के मामलों में कथित तौर पर सीबीआई जांच आगे बढ़ाने और एफआईआर दर्ज करने के लिए पश्चिम बंगाल की दायर याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी. जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई की.

Supreme Court

नई दिल्ली, 8 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार की मंजूरी के बिना चुनाव बाद हिंसा के मामलों में कथित तौर पर सीबीआई जांच आगे बढ़ाने और एफआईआर दर्ज करने के लिए पश्चिम बंगाल की दायर याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी. जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई की. जैसे ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले में स्थगन का अनुरोध किया, राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले को 9 बार स्थगित किया जा चुका है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत अपने मूल सिविल मुकदमे में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 के प्रावधानों का उल्लेख किया और कहा कि केंद्रीय एजेंसी (सीबीआई) कानून के तहत राज्य सरकार से मंजूरी लिए बिना जांच और एफआईआर दर्ज कर रही है. पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के मामलों में सीबीआई ने कई एफआईआर दर्ज की हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर की शुरुआत में मुकदमे में नोटिस जारी किया था.

राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में चुनाव के बाद हिंसा के मामलों में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकियों (एफआईआर) की जांच पर रोक लगाने की मांग की है. राज्य सरकार की याचिका में कहा गया है कि तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली गई है, और इस प्रकार दर्ज की गई एफआईआर पर आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। अदालत गुरुवार को सुनवाई फिर से शुरू करेगी.

Share Now

\