Bihar Assembly Elections: बिहार चुनाव में खड़े 1,200 से अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है :एडीआर

बिहार (Bihar) चुनाव में 1,200 से अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है जिनमें से 115 महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में आरोपी हैं और 73 पर हत्या का मामला दर्ज है.

बिहार इलेक्शन (फोटो क्रेडिट्स: फाइल फोटो)

नयी दिल्ली (New Delhi), 2 नवंबर: बिहार (Bihar) चुनाव में 1,200 से अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है जिनमें से 115 महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में आरोपी हैं और 73 पर हत्या का मामला दर्ज है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) (ADR) (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी. रिपोर्ट के अनुसार बिहार विधानसभा चुनावों में खड़े 3,722 प्रत्याशियों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 1,201 (32 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है. इसमें कहा गया कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में 3,450 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया था जिनमें से 1,038 (30 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की सूचना दी थी.

इस बार जिन 3,722 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, उनमें 349 राष्ट्रीय दलों से हैं, 470 राज्य के दलों से, 1,607 पंजीकृत गैर-मान्यताप्राप्त दलों से तथा 1,296 उम्मीदवार निर्दलीय किस्मत आजमा रहे हैं. बड़े दलों में राजद के 141 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 98 (70 प्रतिशत), भाजपा के 109 प्रत्याशियों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 76 (70 प्रतिशत), कांग्रेस के 70 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 45 (64 प्रतिशत), लोजपा के 135 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 70 (52 प्रतिशत), जदयू के 115 प्रत्याशियों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 56 (49 प्रतिशत) और बसपा के 78 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 29 (37 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.

यह भी पढ़े: Bihar Elections 2020: चिराग पासवान का बड़ा आरोप, कहा- चुनाव के बाद NDA छोड़ देंगे नीतीश कुमार, 2024 में पीएम मोदी को चुनौती देने की करेंगे कोशिश.

रिपोर्ट के अनुसार जिन उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया उनमें से राजद के 72 (51 प्रतिशत), भाजपा के 55 (51 प्रतिशत), कांग्रेस के 33 (47 प्रतिशत), लोजपा के 55 (41 प्रतिशत), जदयू के 36 (31 प्रतिशत) और बसपा के 23 (30 प्रतिशत) प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कबूल की है.

एडीआर और नेशनल इलेक्शन वाच के संस्थापक सदस्य और न्यासी जगदीप छोकर ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में लड़ रहीं सभी बड़ी पार्टियों ने 37 से 70 प्रतिशत तक ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिये हैं जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किये हैं.

यह भी पढ़े: Bihar Election News: बिहार विधानसभा चुनाव के साथ 64 सीटों पर होंगे उपचुनाव

उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्देशों में राजनीतिक दलों के लिए स्पष्ट कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों के चयन के लिए कारण साफ किये जाएं तथा बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य लोगों को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया जा सकता. इन अनिवार्य दिशानिर्देशों के अनुसार इस तरह के चयन के कारणों को संबंधित उम्मीदवार की योग्यताओं, उपलब्धियों तथा विशेषताओं के संदर्भ में देखना होगा.’’

छोकर ने कहा, ‘‘इसलिए, राजनीतिक दल ऐसे बेबुनियादी और बेकार के कारण देते हैं मसलन व्यक्ति की लोकप्रियता, वह अच्छा सामाजिक कार्य करता है, मामले राजनीति से प्रेरित हैं आदि. ये दागी पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी को खड़ा करने की ठोस वजहें नहीं हैं. ये आंकड़े स्पष्ट बताते हैं कि राजनीतिक दलों की चुनाव प्रणाली के सुधार में कोई दिलचस्पी नहीं है और हमारा लोकतंत्र कानून तोड़ने वालों के हाथों लगातार क्षति सहता रहेगा जो कानून निर्माता बन जाते हैं.’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\