राधे मां की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, धमकी देने और ब्लैकमेलिंग मामले में हुआ SIT का गठन
पीड़ित के शिकायत के बाद जांच के लिए राधे मां के खिलाफ जांच करने के लिए SIT का गठन हुआ है. अब इस पूरे केस की जांच एसपी इंवेस्टिगेशन सतनाम सिंह व एएसपी संदीप मलिक करेंगे. इस केस के जांच के लिए SIT का गठन हुआ है. कपूरथला के एसएसपी सतिंदर सिंह ने इस बात की जानकरी पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को एक हलफनामा दायर करके दी.
खुद को देवी का अवतार बताने वाली राधे मां के द्वारा पंजाब के फगवाड़ा में रहने वाले सुरेंद्र मित्तल को धमकी देने और ब्लैकमेलिंग मामले में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है. पीड़ित के शिकायत के बाद जांच के लिए राधे मां के खिलाफ जांच करने के लिए SIT का गठन हुआ है. अब इस पूरे केस की जांच एसपी इंवेस्टिगेशन सतनाम सिंह व एएसपी संदीप मलिक करेंगे. इस केस के जांच के लिए SIT का गठन हुआ है. कपूरथला के एसएसपी सतिंदर सिंह ने इस बात की जानकरी पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को एक हलफनामा दायर करके दी.
एसएसपी सतिंदर सिंह कोर्ट में हलफनामा दायर करने के दौरान अदालत से मामले की जांच के लिए एक महीने का समय भी मांगा. ताकि मामले की जांच पड़ताल SIT की टीम ठीक तरह से कर सके. जो कोर्ट ने उनकी इस मांग को भी स्वीकार करते हुए उन्हें दो महीने का समय दिया है. दो महीने के बाद उन्हें कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट सौपना है. लेकिन कोट इस दौरान पूर्व एसएसपी संदीप शर्मा द्वारा झूठी जानकारी देने के मामले की जांच डीजीपी को सौंपते हुए इसकी जानकारी कोर्ट को देने के आदेश दिए हैं. दरअसल इसके पहले इस पूरे मामले की जांच पूर्व एसएसपी संदीप शर्मा कर रहे थे. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने इस केस को गलत दिशा में जांच किया था. यह भी पढ़े: राधे मां ने ‘मी टू कैंपेन’ के सवाल पर दिया ये अटपटा बयान, सामने आया ये वीडियो
एसएसपी सतिंदर सिंह कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता ने जो कॉल रिकार्डिंग दी थी उसका मिलान राधे मां के जगरातों, टीवी कार्यक्रम के दौरान की फुटेज से प्राप्त वॉयस सैंपल से मिलान के लिए सीएफएसएल को भेजा था. रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें कहा गया है कि दोनों वॉयस सैंपल काफी हद तक मिलते हैं और कॉल रिकार्डिंग वाली आवाज राधे मां की हो सकती है. लेकिन उनकी टीम कुछ अन्य पहलुओं पर भी जांच करने वाली है. जिसके लिए उनकी टीम उनसे पूछताछ के लिए मुंबई भी जाएगी.
क्या है पूरा मामला
दरसल पंजाब के फगवाड़ा के रहने वाले सुरेंद्र मित्तल ने याचिका दायर कर कहा था. अपने को देवी बताने वाली राधे मां से उसे लगातार धमकियां मिल रही हैं कि वह उनके खिलाफ न बोले. क्योंकि उसने राधे मां के खिलाफ शिकायत की थी कि राधे मां जागरण में खुद को मां दुर्गा का अवतार कहकर त्रिशूल धारण कर बैठती हैं. इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. याचिका में कहा गया कि उनके साथ कई लोगों ने राधे मां का विरोध किया था और जागरण नहीं होने दिया था.
इस बात को लेकर राधे मां इन सुरेंद्र मित्तल पर नाराज हो गई. जिसके बाद उन्हें राधे मां की तरफ से पहले तो फोन कर पैसों के लिए का ऑफर किया गया. ऑफर स्वीकार न करने पर उन्हें धमकियां मिलने लगी. कहा गया कि वे इस मामले में चुप बैठे तो ही उनके लिए ठीक रहेंगा. जिसके बाद पीड़ित राधे मां के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने, रुपये ऑफर करने व धमकियां मिलने को लेकर उन्होंने पुलिस को शिकायत की. लेकिन पुलिस राधे मां के राजनीतिक संबंधो के चलते कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद पीड़ित इस धमकी को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट याचिका दायर की.