Single Use Plastic Banned: असम में अक्‍टूबर से सिंगल यूज प्‍लास्टिक, एक लीटर से छोटी पानी की बोतल होगी बैन

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "राज्य कैबिनेट ने एक लीटर से कम मात्रा वाली पीईटी से बनी पीने के पानी की बोतलों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने की मंजूरी दे दी है.

गुवाहाटी, 22 जुलाई: असम में इस साल 2 अक्टूबर से एक लीटर से छोटी पीने के पानी की पीईटी बोतलों और यिंगन यूज प्‍लास्टिक पर प्रतिबंध लग जाएगा. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "राज्य कैबिनेट ने एक लीटर से कम मात्रा वाली पीईटी से बनी पीने के पानी की बोतलों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने की मंजूरी दे दी है. प्रतिबंध इस साल 2 अक्टूबर से लागू किया जाएगा. पहले तीन महीने की संक्रमण अवधि प्रदान की जाएगी." यह भी पढ़ें: Tomato Robbery: कर्नाटक में टमाटर लूट मामले में दंपति गिरफ्तार, अन्‍य आरोपियों की तलाश जारी

सरमा ने कहा, "इसके अलावा, हमने फैसला किया है कि अगले साल 2 अक्टूबर से दो लीटर से छोटी पीईटी से बनी पीने के पानी की बोतलों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा." राज्य कैबिनेट ने शुक्रवार को ये अहम फैसले किये. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने एडीबी द्वारा वित्त पोषित "क्‍लाइमेट रिजिलिएंट ब्रह्मपुत्रा इनटीग्रेटेड फ्लड एंड रिवर इरोजन मैनेजमेंट प्रोजेक्‍ट" के पहले चरण के लिए समेकित प्रशासन को मंजूरी दे दी है. परियोजना का काम 2,097 करोड़ रुपए की लागत से असम की बाढ़ और नदी कटाव प्रबंधन एजेंसी द्वारा किया जाएगा.

परियोजना के अनुसार, एकीकृत बाढ़ और नदी तट कटाव जोखिम प्रबंधन अभियान तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, मोरीगांव, कामरूप और गोलपारा जिलों में ब्रह्मपुत्र नदी के मुख्य प्रवाह के साथ संवेदनशील क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे. सरमा ने कहा कि 3.27 किमी के तटबंध कार्य और 72.7 किमी के कटाव निरोधक कार्य दोनों पर विचार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने एक विशेष पहल के तहत 130 करोड़ की अनुमानित लागत पर असम में कम आय वाले लगभग 50 लाख परिवारों को चार-चार 9-वाट वाले एलईडी बल्ब मुफ्त वितरित करने का निर्णय लिया. मुख्यमंत्री ने कहा, "यह उपयोगकर्ताओं के लिए कम ऊर्जा खपत की गारंटी देगा, जिससे उनके बिल में कमी आएगी, साथ ही पीक आवर्स के दौरान पावर लोड के प्रबंधन में भी मदद मिलेगी."

इस बीच, विभागीय जांच के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों को जांच अधिकारी नियुक्त करने की प्रक्रिया को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. सरमा ने कहा कि अनुशासनात्मक निकाय को उन सेवानिवृत्त अधिकारियों से जांच रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए एक समय सीमा दी जाएगी जो संयुक्त सचिव या समकक्ष पद से नीचे नहीं हैं और जिनकी उम्र 70 वर्ष या उससे अधिक है.

Share Now

\