शहडोल लोकसभा सीट 2019 के चुनाव परिणाम: मध्य प्रदेश की इस सीट पर हिमाद्री सिंह की जीत पक्की
शहडोल संसदीय क्षेत्र में लगभग 45 फीसदी अनुसूचित जनजाति और लगभग 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोगों का वोट बैंक है. शहडोल संसदीय क्षेत्र से दिल्ली कौन जाएगा इसका फैसला आदिवासी जनता करती है. यहां 21 फीसदी आबादी शहरों में और 79 फीसदी लोग गांवों में रहते हैं.
Shahdol Lok Sabha Constituency: लोकसभा चुनाव 2019 जो रविवार 19 मई को संपन्न हुए उनके शुरुआती रुझान आने शुरू हो गए हैं. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के शहडोल संसदीय सीट के रुझान भी आ रहे हैं. इस सीट से बीजेपी की हिमाद्री सिंह और कांग्रेस की पर्मिला सिंह मैदान में हैं. बता दें कि लोकसभा चुनावों के लिहाज से मध्य प्रदेश एक अहम राज्य हैं जिसमें 29 लोकसभा सीटें है. सूबे में चार चरणों में लोकसभा चुनाव हुए थे. रविवार को कई मीडिया संस्थानों ने वोटरों का मूड बताने के लिए एक्जिट पोल जारी किए. ज्यादातर एग्जिट पोल के नतीजों में बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस बहुत पीछे दिख रही है.
शहडोल संसदीय क्षेत्र में लगभग 45 फीसदी अनुसूचित जनजाति और लगभग 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोगों का वोट बैंक है. इन दोनों को मिलाकर यह आंकड़ा लगभग 55 प्रतिशत पहुंच जाता है. इनके अलावा बड़ी तादाद में ओबीसी फिर सबसे कम संख्या में सामान्य जाति के वोटर शामिल हैं.
2014 में किस पार्टी को मिले कितने वोट
2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी. बीजेपी के दलपत सिंह ने कांग्रेस के राजेश सिंह को हराया था. दलपत सिंह को 5,25,419(54.25फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं राजेश सिंह को 2,84,118(29.34फीसदी) वोट मिले थे. दलपत सिंह को इस चुनाव में 2,41,301 वोटों से जीत मिली थी. सीपीआई 2.85 फीसदी वोटों से साथ इस चुनाव में तीसरे स्थान पर थी.
शहडोल लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. जयसिंहनगर, अनूपपुर, मानपुर, जैतपुर, पुष्पराजगढ़,बरवारा, कोटमा यहां की विधानसभा सीटें हैं. इन 8 विधानसभा सीटों में से 4 पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस का कब्जा हैं. शहडोल लोकसभा क्षेत्र एसटी के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है. इस सीट पर 1957 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कमल नारायण सिंह जीते थे. यहां से बीजेपी के दलपत सिंह और ज्ञान सिंह ने सबसे ज्यादा जीत हासिल की. ज्ञान सिंह साल 2016 का उपचुनाव जीतकर तीसरी बार यहां से सांसद बने.