SC Verdict on Maharashtra: उद्धव गुट की मांग, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीएम एकनाथ शिंदे इस्तीफ़ा दे
Uddhav Thackrey, Supreme Court (Photo Credit: Twitter/@TheNewIndian_in)

नई दिल्ली, 11 मई: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अगर उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते तो कोर्ट उन्हें बहाल कर सकती थी, लेकिन कोर्ट इस्तीफे को रद्द नहीं कर सकती. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि राज्यपाल ने यह निष्कर्ष निकाल कर गलती की कि उद्धव ठाकरे सदन में बहुमत खो चुके हैं. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत ठाकरे द्वारा सौंपे गए इस्तीफे को रद्द नहीं कर सकती है. यह भी पढ़ें: Maharashtra Political Crisis: उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं दिया होता तो बच सकती थी सरकार, SC ने की ये टिप्पणी

पीठ ने उल्लेख किया कि याचिकाकर्ताओं ने यथास्थिति बहाल करने का तर्क दिया है, हालांकि, ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया. पीठ ने कहा कि विधायकों (एकनाथ शिंदे गुट) को सुरक्षा की कमी इस निष्कर्ष का कारण नहीं है कि एक सरकार गिर गई, बल्कि राज्यपाल द्वारा भरोसा किए जाने का एक कारण है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यपाल के पास महा विकास अघाड़ी सरकार के विश्वास पर संदेह करने और फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाने के लिए कोई तथ्य नहीं है. पीठ ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस और निर्दलीय विधायकों ने भी अविश्वास प्रस्ताव नहीं रखा और राज्यपाल के विवेक का प्रयोग कानून के अनुसार नहीं था.

पीठ ने कहा कि न तो संविधान और न ही कानून राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने और अंतर-पार्टी विवादों में भूमिका निभाने का अधिकार देता है. शीर्ष अदालत ने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों के विद्रोह के संबंध में महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट पर अपना फैसला सुनाया, जिसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी.