सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा फोड़ने का समय बढ़ाने से किया इनकार, तमिलनाडु और पुडुचेरी सरकार चुने वक्त

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि तमिलनाडु में दिवाली के दौरान दो घंटे पटाखा छोड़ने का समय राज्य सरकार तय कर सकती है. बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी

फाइल फोटो ( Photo Credit: Pixabay )

नई दिल्ली: दीपावली के दिन पटाखे फोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रात आठ बजे से 10 बजे तक का समय तय करने संबंधी अपने आदेश में बदलाव किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु, पुडुचेरी जैसे स्थानों पर पटाखे फोड़ने चेंजेस होंगे लेकिन समय दिन में दो घंटे से अधिक नहीं होगी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि दीपावली पर 'हरित पटाखों' का उपयोग करने के बारे में दिया गया उसका आदेश दिल्ली-एनसीआर के लिए था, भारत के दूसरे राज्यों के लिए नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि तमिलनाडु में दिवाली के दौरान दो घंटे पटाखा छोड़ने का समय राज्य सरकार तय कर सकती है. बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें पुराने परंपरा का हवाला दिया गया था और कहा गया था कि सुबह के समय पटाखा फोड़ने की इजाजत मांगी थी. जिसके बाद आदालत ने सुबह 4.30 बजे से लेकर 6.20 बजे तक पटाखे छोड़ने का समय दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था यह फैसला

गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए पटाखों की बिक्री और पटाखे जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया था. कोर्ट ने कहा था कि पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं होगी. अदालत ने कहा कि लोग पटाखें 8 बजे से लेकर रात 10 बजे तक जला सकते हैं. अदालत ने कहा कि उन पटाखों को जलाया जा सकता है जिसका पर्यावरण पर कोई दुष्परिणाम न हो.

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इन त्योहारों में पटाखे फोड़ने समय किया था तय 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के दौरान कहा था कि न्यू ईयर और क्रिसमस पर 11 :55 PM से 12 :15 AM तक पटाखे चला सकेंगे. पटाखों के बिक्री वही करेंगे जिनके पास लाइसेंस हैं. जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने यह फैसला सुनाया था.

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