पटना में दुष्कर्म पीड़िता के पिता, कार्यकर्ता सीएम नीतीश कुमार आवास के बाहर 'विरोध प्रदर्शन' करने पर गिरफ्तार

पटना पुलिस ने यहां शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के पिता सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. कथित तौर पर आठ साल की बच्ची के साथ अज्ञात लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर दी.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

पटना, 2 अप्रैल : पटना पुलिस ने यहां शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के आवास के बाहर दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के पिता सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. कथित तौर पर आठ साल की बच्ची के साथ अज्ञात लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर दी. पुरुष और एक महिला कार्यकर्ता ने पुलिस से मांग की कि उन्हें नीतीश कुमार से मिलने की अनुमति दी जाए, लेकिन न केवल मना कर दिया, बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया. मुख्यमंत्री और उनका काफिला आवास से बाहर निकले और दोनों के सामने से गुजर गए, लेकिन कुमार पीड़ितों से मिलने के लिए नहीं रुके.

बांका जिले से आए व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसकी 8 वर्षीय बेटी जब होली मनाने के लिए घर से बाहर निकली थी, अज्ञात लोगों ने उसका अपहरण कर लिया. व्यक्ति ने कहा कि बदमाशों ने नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया, उसकी दोनों आंखें निकाल दीं और शव को क्षत-विक्षत करने के बाद गांव के पास एक नाले में फेंक दिया. व्यक्ति ने कहा, "हम अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस ने मेरे भाई को सामूहिक दुष्कर्म और मेरी बेटी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया." चूंकि कोई उनकी दुर्दशा नहीं सुन रहा था, दिल्ली की एक सामाजिक कार्यकर्ता - योगिता भयाना पटना आईं और समर्थन का वादा करते हुए उनसे संपर्क किया. यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई मेट्रो को हरी झंडी दिखाई, बुलेट ट्रेन परियोजना की आलोचना क

शनिवार को उस व्यक्ति ने योगिता भयाना के साथ मुख्यमंत्री से मिलने की मांग की, लेकिन सचिवालय थाने के एसएचओ सी.पी. गुप्ता वहां पहुंचे और उन्हें धमकाया. वायरल वीडियो के अनुसार, एसएचओ ने सामाजिक कार्यकर्ता को अपनी सीमा में रहने की धमकी दी. उन्होंने योगिता की ओर उंगली उठाते हुए कहा, "आप महिला हैं और महिला की तरह रहिए." पीड़ित व्यक्ति ने कहा कि चूंकि उसे अपनी बेटी के खिलाफ किए गए जघन्य कृत्य के लिए न्याय नहीं मिल रहा है, इसलिए पुलिस को उसे भी मार देना चाहिए.

बहस के बाद पुलिस ने एसएचओ गुप्ता के निर्देश पर पीड़ित व्यक्ति और कार्यकर्ता को उठाया और एक पुलिस वैन में डाल दिया.एएसपी काम्या मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, "वे निषिद्ध क्षेत्र में धरना दे रहे थे. इसलिए उन्हें गिरफ्तार करना ही एक निवारक उपाय था. जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया, उन्हें डीजीपी के कार्यालय ले जाया गया. पुलिस ने उन्हें बाद में रिहा कर दिया." उन्होंने कहा, "पीड़ित को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन आप निषिद्ध क्षेत्र में विरोध नहीं कर सकते. ऐसी कई जगहें हैं, जहां कोई भी विरोध कर सकता है. यह उसका लोकतांत्रिक अधिकार है और कोई भी उसका अधिकार नहीं ले रहा है. जहां तक मुख्यमंत्री से मिलने की बात है, तो वह 'जनता दरबार' का आयोजन करते हैं, जहां कोई भी उनसे मिल सकता है. यहां तक कि डीजीपी भी नियमित रूप से लोगों से मिलते हैं." एएसपी ने कहा, "नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म-सह-हत्या के मामले में चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और इस समय मामले की त्वरित सुनवाई चल रही है."

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