रामगढ़, 27 जुलाई : झारखंड के रामगढ़ में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को लेकर बवाल खड़ा हो गया. बताया जा रहा है कि रामगढ़ पुलिस की हिरासत से फरार आफताब अंसारी का शव दामोदर नदी के पास से बरामद किया गया है. जानकारी के अनुसार, रामगढ़ थाने की पुलिस ने आफताब अंसारी को यौन उत्पीड़न को लेकर दर्ज कराई गई एक एफआईआर के आधार पर हिरासत में लिया था. वह 24 जुलाई को पुलिस हिरासत से फरार हो गया था. इसके बाद 26 जुलाई की देर शाम उसका शव दामोदर नदी के पास बरामद किया गया.
आफताब की मौत की खबर फैलते ही शनिवार देर रात बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने इसे मॉब लिंचिंग की वारदात बताते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. इस बीच, पुलिस ने आफताब अंसारी की मौत के मामले में रविवार को हिंदू टाइगर फोर्स के एक सदस्य राजेश सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया है. बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी अजय कुमार ने चार टीमें गठित की हैं. पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. रामगढ़ थाना पुलिस की हिरासत से आफताब अंसारी के फरार होने के मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है. यह भी पढ़ें : संसद: हंगामे की भेंट चढ़े पहले सप्ताह के बाद पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तीखी बहस की तैयारी
थाना प्रभारी पीके सिंह और एक अन्य पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं. पहली शिकायत आफताब की पत्नी सलेहा खातून ने दर्ज कराई, जबकि दूसरी शिकायत ‘अर्शी गारमेंट्स’ नामक दुकान की मालिक नेहा सिंह ने दी है. आफताब इसी दुकान में काम करता था.
आफताब की पत्नी सलेहा खातून ने बताया कि 23 जुलाई को उनके पति पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज की गई थी. उसी दिन तीन लोग एक कार से ‘अर्शी गारमेंट्स’ आए. खुद को हिंदू टाइगर फोर्स का सदस्य बताया और आफताब को पीटते हुए दुकान से बाहर घसीट ले गए. इसके बाद पुलिस आई और आफताब को हिरासत में ले गई. फिर कोई जानकारी नहीं मिली.
दूसरी ओर, दुकान मालिक नेहा सिंह ने भी एफआईआर में आरोप लगाया कि आफताब को जान से मारने की नीयत से पीटा गया. आरोपियों ने मुस्लिम धर्म को निशाना बनाते हुए गालियां दीं और कर्मचारियों से भी बदतमीजी की. किसी तरह आफताब को बचाकर अंदर के कमरे में बंद किया गया. नेहा सिंह ने दीपक सिसोदिया नामक एक व्यक्ति की फेसबुक पोस्ट का जिक्र किया, जिसमें आफताब पर यौन शोषण और धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया गया है. पोस्ट में लिखा गया कि आफताब को पकड़कर न्याय दिलाया गया. राजेश सिन्हा पर आरोप है कि उसने इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल किया और साथ ही धर्म विशेष के व्यवसायियों पर गंभीर आरोप लगाए.
इस घटना ने सियासी रंग पकड़ लिया है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने भी इसे मॉब लिंचिंग करार देते हुए कहा है कि सरकार पूरी घटना की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन को भी घटना की जानकारी देते हुए इस मामले में कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अफसरों को निर्देशित करने की मांग की है. अंसारी ने कहा, "आफताब को बजरंग दल और हिंदू टाइगर फोर्स की साजिश में मारा गया. उन्होंने भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी को इस साजिश का मास्टरमाइंड बताया और कहा कि उनके भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट ने पुलिस पर दबाव बनाया."













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