राजनाथ सिंह ने कहा, शहीदों की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल हो
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमर शहीदों की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल की जानी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी उनके शौर्य पराक्रम राष्ट्रभक्ति और बलिदान से प्रेरणा हासिल कर सके.
सतना: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमर शहीदों की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल की जानी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी उनके शौर्य पराक्रम राष्ट्रभक्ति और बलिदान से प्रेरणा हासिल कर सके. केंद्रीय गृहमंत्री ने रविवार को सतना जिले के नगर पंचायत कोठी में अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर रणमत सिंह की जन्मस्थली में प्रतिमा अनावरण अवसर पर कहा, "वे अदम्य साहसी, पराक्रम धनी, स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे. उनकी प्रतिमा का अनावरण कर स्वयं को गौरवान्वित और धन्य महसूस कर रहा हूं."
गृहमंत्री ने कहा कि अमर शहीदों की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करने की व्यवस्था के साथ ही जिस गांव और जिस माटी का सिपाही और सैनिक देश सेवा में शहीद हुआ हो, उस गांव के स्कूल, पंचायत या स्वास्थ्य केंद्र के भवन का नामकरण उस शहीद सैनिक के नाम पर होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं का देश है और सभी विविधताओं के साथ सबको साथ लेकर चलने पर ही सशक्त भारत बनाने का सपना साकार होगा.
गृहमंत्री ने कहा कि राजनीति दो शब्दों- राज और नीति से मिलकर बना है. ऐसी राज व्यवस्था जो सर्वहारा वर्ग की ओर से होकर जाए, वही सच्ची राजनीति है. राजनीति के खोए हुए अर्थ और भाव को भारत की राजनीति में पुन: स्थापित काम किया जाएगा.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और सांसद राकेश सिंह ने इस मौके पर कहा कि अमर शहीद ठाकुर रणमत सिंह के शौर्य पराक्रम राष्ट्रभक्ति और बलिदान से आने वाली पीढ़ी सदैव प्रेरणा लेगी. उनकी वीरता, पराक्रम और देशभक्ति के उदाहरण पूरे देश में बिखरे हुए हैं.
जनसभा को सांसद गणेश सिंह ने भी संबोधित किया. इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक, महापौर और भाजपा के महामंत्री वी.डी. शर्मा भी मौजूद थे.