Punjab: सीएम अमरिंदर सिंह का बड़ा फैसला, सैनिक स्कूल की मंजूरी के लिए राजनाथ को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब के दूसरे सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए गुरदासपुर जिले के दल्ला गोरियन में 40 एकड़ जमीन पहले ही आवंटित कर दी है और एमओए पर हस्ताक्षर कर इसे रक्षा मंत्रालय में भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग को जमा कर दिया गया है.

सीएम अमरिंदर सिंह(Photo Credits: ANI)

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने शनिवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से गुरदासपुर जिले में एक सैनिक स्कूल (Sainik School) के लिए समझौता ज्ञापन (MOA) को तुरंत मंजूरी देने और बठिंडा (Bathinda) में एक तीसरे सैनिक स्कूल को भी मंजूरी देने का आग्रह किया. रक्षा मंत्री को लिखे पत्र में अमरिंदर ने कहा कि मंत्रालय की मंजूरी मिलते ही राज्य सरकार तीसरे सैनिक स्कूल के लिए एमओए पर हस्ताक्षर करेगी. Punjab Assembly Election 2022: सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस के साथ बैठक पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 2022 के चुनाव को लेकर होगी चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब के दूसरे सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए गुरदासपुर जिले के दल्ला गोरियन में 40 एकड़ जमीन पहले ही आवंटित कर दी है और एमओए पर हस्ताक्षर कर इसे रक्षा मंत्रालय में भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग को जमा कर दिया गया है.

हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी राय में यह पंजाबी युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा.

राज्य के तीन प्राकृतिक भौगोलिक संभागों मालवा, दोआबा और माझा क्षेत्रों में से प्रत्येक में कम से कम एक सैनिक स्कूल की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह महसूस किया गया कि बठिंडा में एक तीसरा सैनिक स्कूल उपयुक्त रूप से इस आवश्यकता को पूरा करेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक स्कूल प्रतिष्ठित संस्थान हैं, जिन्होंने देश भर में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में लगातार उच्चतम मानकों को बनाए रखा है.

उन्होंने कहा कि कई वर्षों से इन स्कूलों ने युवाओं को जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार किया है और सशस्त्र बलों में कई प्रमुख पदों पर आज इन स्कूलों के पूर्व छात्र तैनात हैं. कपूरथला में सैनिक स्कूल वर्तमान में पंजाब का एकमात्र सैनिक स्कूल है, जिसकी स्थापना 1961 में हुई थी.

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा, पंजाब के युवाओं ने हमेशा सशस्त्र बलों में शामिल होने और राष्ट्र की सेवा करने के लिए एक अनुकरणीय उत्साह प्रदर्शित किया है. इस प्रकार, राज्य में अतिरिक्त सैनिक स्कूल स्थापित करने की तत्काल आवश्यकता है.

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