नई दिल्ली: प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के अदालत की अवमानना मामले (Contempt of Court Case) में दोषी करार दिए जाने और एक रुपये जुर्माना लगाए जाने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है जिसमें उन्हें CJI और सुप्रीम कोर्ट पर ट्वीट करने पर अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था.
याचिका में प्रशांत ने पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई का भी आग्रह किया है. प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को भी एक रिट याचिका दायर की थी. इस याचिका में उन्होंने मांग की है कि उनकी अपील पर सुप्रीम कोर्ट की एक बड़ी और अलग बेंच द्वारा सुनवाई की जानी चाहिए.
प्रशांत भूषण ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन पर लगाए गए एक रुपये का जुर्माना जमा कर दिया, लेकिन साथ-साथ यह भी कहा है कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह अदालत के फैसले को स्वीकार कर रहे हैं.
ANI अपडेट:
Lawyer Prashant Bhushan files review petition in the Supreme Court against its judgement convicting him and imposing a fine of Re 1, for criminal contempt of court pic.twitter.com/bF81OOglBl
— ANI (@ANI) September 14, 2020
एक रुपये का जुर्माना अदा करने से पहले प्रशांत भूषण ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटा जा रहा है. आवाज उठाने वाले उमर खालिद और अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो रही है. ऐसे लोगों की मदद के लिए जन-जन से एक-एक रुपया जमा कर सत्य फंड बनाया जा रहा है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट और भारत के चीफ जस्टिस एसए बोबडे की आलोचना करने वाले अपने ट्वीट के लिए आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था. अदालत ने भूषण पर 31 अगस्त को सजा के रूप में एक रुपए का टोकन जुर्माना लगाया था.
प्रशांत भूषण को 15 सितंबर तक सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के साथ राशि जमा करने के लिए कहा गया था, ऐसा न करने पर उन्हें 3 महीने की जेल हो सकती है और तीन साल के लिए उन्हें वकालत से निलंबित भी किया जा सकता है.