वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट: बीजेपी के प्रवेश वर्मा और आप के बलबीर सिंह जाखड़ के बीच होगी कांटे की टक्कर, जानें सीट का पूरा इतिहास
वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट (Photo Credits: File Photo)

West Delhi Lok Sabha Seat: देश की राजधानी दिल्ली में 12 मई को जिन सात सीटों पर मतदान होना है, उन प्रमुख सीटों में एक सीट वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट भी है. इस सीट से जीत किसे मिलेगी सिख और पंजाबी वोटर के साथ पूर्वांचल के रहने वाले मतदाता इसका निर्णय करते है. इस बार इस संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने वर्त्तमान सांसद प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) को टिकट दिया है. वहीं आप पार्टी से बलबीर सिंह जाखड़ (Balbir Singh Jakhar) और कांग्रेस से महाबल मिश्रा (Mahabal Mishra) को टिकट मिला है. कई निर्दलीय प्रत्याशी भी इस सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे है. चुनाव में उन्हें जीत भले ही ना मिले लेकिन वे अपने को जीत लेकर दम भर रहें हैं.

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में वेस्ट दिल्ली सीट से बीजेपी ने प्रवेश वर्मा को टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतारा था. इनके सामने भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने वाली आप पार्टी के उम्मीदवार जरनेल सिंह ( Jarnail Singh) और इस संसदीय क्षेत्र से तत्कालीन सांसद महाबल मिश्रा (Mahabal Mishra) आमने सामने थे. लेकिन इन दोनों प्रत्याशियों को मोदी लहर के चलते हार का मुंह देखना पड़ा. आप पार्टी जहां इस सीट पर दूसरे नम्बर पर थी वहीं, कांग्रेस को इस सीट से ऐसी करारी हार मिली कि वह तीसरे नंबर पर पहुंच गई. यह भी पढ़े: लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आम आदमी पार्टी पर साधा निशाना, कहा- गठबंधन पर अरविंद केजरीवाल ने की ‘ओवर स्मार्ट’ बनने की कोशिश

2014 के नतीजे:

बीजेपी- प्रवेश साहिब सिंह वर्मा- 6,51,395

आप - जरनेल सिंह -3,82,809

कांग्रेस -महाबल मिश्रा -1,93,266

नोटा- 7,932

कुल विधानसभा की सीटें:

वेस्ट दिल्ली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत कुल 10 विधानसभा की सीटें आती हैं. जिसमें मादीपुर, जनकपुरी, द्वारका, राजौरी गार्डन, विकासपुरी, हरिनगर, उत्तम नगर, नज़फगढ़, मटिआला और तिलक नगर शामिल हैं.

बता दें कि लोकसभा सीट पर छठे चरण के अंतर्गत 12 मई को इस सीट पर मतदान होगा. वहीं वोटों की गिनती 23 मई को की जायेगी. ऐसे में चुनाव के बाद इस सीट से जीत किसे मिलेगा इसका फैसला तो चुनाव का परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन राजनीतिक पंडितों की माने तो कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन नहीं होने से आप पार्टी पिछली बार की तरफ इस बार भी कांग्रेस का खेल बिगड़ सकती है.