लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुखिया ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में बुधवार को वीवीआईपी गेस्ट हाउस में योगी सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Daya Shankar Singh) से बंद कमरे में मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर अपने बेटों अरुण राजभर और अरविंद राजभर के साथ मुलाकात करने पहुंचे थे. तकरीबन दो घण्टे की मुलाकात के बाद राजभर ने यह कहकर अटकलों को खारिज करने की कोशिश की कि वह अपने क्षेत्र के कुछ काम के सिलसिले में मिलने के लिए आए थे. सीएम योगी का बड़ा एक्शन, घोटाले के आरोप में गाजियाबाद की पूर्व डीएम निधि केसरवानी सस्पेंड, 2 और DM पर गिरी गाज
वहीं, दयाशंकर सिंह ने भी कहा कि ओपी राजभर विधायक हैं. वो अपने क्षेत्र में कुछ काम से आये थे. उनसे हमारी मुलाकात होती रहती है. वो इस दौरान एक बस डिपो की मांग को लेकर आए थे. हालांकि, उनसे जब राजभर के भाजपा संग आने की संभावना को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में संभावनाएं कभी खत्म नहीं होती हैं.
जब मंत्री से पूंछा गया कि राजभर एक विधायक के तौर पर अपने क्षेत्र के कामकाज के लिए मिलने गए थे तो मंत्री के कार्यालय क्यों नहीं गए? इस पर दया शंकर ने कहा कि कार्यालय में बहुत भीड़ थी, इसी कारण यहीं मुलाकात करनी पड़ी. गेस्ट हाउस मुलाकात के दूसरे मायने भी तलाशे जा रहे हैं. राजभर के दोनों बेटे भी साथ थे, जोकि सुभासपा के पदाधिकारी हैं.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यदि राजभर को अपने क्षेत्र से संबंधित किसी काम के सिलसिले में मिलना था तो उनके बेटे क्यों गए थे? यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई जब पिछले दिनों राजभर की गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की खबरें सामने आईं थीं. हालांकि, तब सुभासपा प्रमुख ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि वह सपा के साथ बने रहेंगे.
ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव के बाद से ही सपा गठबंधन में बगावत का दौर शुरू हो गया था. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव बगावत का झंडा बुलंद कर चुके हैं तो दिग्गज मुस्लिम नेता आजम खान का परिवार भी खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहा है. योगी सरकार में मंत्री रह चुके योपी राजभर को लेकर भी लंबे समय से अटकलें लग रही हैं.