तमिलनाडु: तूतीकोरिन में स्‍टरलाइट फैक्‍ट्री को लेकर तनाव बरक़रार, विपक्ष का 'बंद' आज

प्रदर्शनकारियों के पुलिस की गोलियों से मारे जाने के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई.

तमिलनाडु बंद (Photo Credit: IANS)

नई दिल्‍ली: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्‍टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में मरनेवालों की संख्या 13 के पार पहुँच गयी है. दूसरी ओर मामले पर राजनीति भी जमकर हो रही है. बता दें कि इस मामले को लेकर आज विपक्षी दलों ने एक दिन के बंद का आह्वान किया है. डीएके नेता कनिमोझी ने आरोप लगाया कि राज्‍य सरकार केंद्र की मोदी सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रही है. उन्‍होंने कहा कि स्‍टरलाइट कंपनी केंद्र और राज्‍य सरकार की शह पर चल रही है. जनता यह जानना चाहती है कि तूतीकोरिन में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग का ऑर्डर किसने दिया था. इसके साथ ही पुलिसिया कार्रवाई को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी ने सही ठहराया और कहा, अगर किसी पर हमला किया जाता है तो वो ख़ुद के बचाव में कोई न कोई क़दम उठाता है. यही क़दम पुलिस ने मंगलवार को उठाया. इस पुरे मामले पर स्‍थानीय लोगों का आरोप है कि इस फैक्‍टरी के कारण जलस्‍तर लगातार घट रहा है और आसपास के क्षेत्र की हवा प्रदूषित हो रही है.

वही इस पुरे मामले पर तूथुकुडी के नए कलेक्‍टर संदीप नांदुड़ी ने कहा कि सरकार ने मामले की जांच के लिए समिति बनाई है. इस बीच सोशल मीडिया पर अफवाह फैलने या विरोध से संबंधित वीडियो प्रसारित करने से रोकने के लिए प्रशासन ने तूतीकोरिन के मदुरै और कन्‍याकुमारी जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.

गुरुवार को चेन्नई में तमिलनाडु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. तूतीकोरिन में 13 लोगों की मौत के बाद एमके स्टॉलिन अपनी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ यहां धरने पर बैठे थे. स्टालिन को हिरासत में लेने के बाद डीएमके कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई है.

ज्ञात हो कि तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड ने स्टरलाइट की बिजली आपूर्ति काटने और संयंत्र बंद करने का आदेश जारी किया है. गुरुवार को लोग अपने घरों में रहे और दुकानें बंद रखी गईं, जिससे तूतीकोरिन में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा. इरोड, रामनाथपुरम, तिरुवरुर जैसे जिलों में प्रदर्शन जारी है.

प्रदर्शनकारियों के पुलिस की गोलियों से मारे जाने के मामले की जांच CBI से कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता जी.एस. मणि ने तूतीकोरिन के जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धारा 302 (हत्या) का मामला दर्ज करने की भी मांग की है.

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