अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ यहां से चुनाव लड़ेंगी. विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, पूनम सिन्हा समाजवादी पार्टी के टिकट पर बहुजन समाज पार्टी के समर्थन से इस सीट से चुनाव लड़ेंगी. कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने लखनऊ से किसी भी उम्मीदवार को नहीं उतारने और सिन्हा को समर्थन देने का निर्णय लिया है. इससे राजनाथ सिंह और पूनम सिन्हा के बीच सीधे टक्कर होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में बात चल रही थी और इसी वजह से दिल्ली में शत्रुघ्न सिन्हा के 28 मार्च को कांग्रेस में शामिल होने का कार्यक्रम टाल दिया गया.
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, "जितिन प्रसाद लखनऊ से चुनाव लड़ना चाहते थे और लेकिन उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र धौरहरा के लिए राजी होना पड़ा. जिसके बाद सबकुछ स्पष्ट हो गया है और लखनऊ उन सात सीटों में शामिल होगा, जिसके बारे में कांग्रेस ने कहा था कि वह इन सीटों को सपा-बसपा गठबंधन के लिए छोड़ देगी." शत्रुघ्न सिन्हा छह अप्रैल को दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होंगे और बिहार में पटना साहिब लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार होंगे.
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राजनाथ सिंह के खिलाफ संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार खड़ा करने का उद्देश्य केंद्रीय मंत्री को उनके संसदीय क्षेत्र तक सीमित रखने का है. सपा के सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने पहले ही अपना होमवर्क पूरा कर लिया है. सपा के एक नेता ने कहा, "लखनऊ में 3.5 लाख मुस्लिम वोटरों के अलावा, चार लाख कायस्थ मतदाता हैं और 1.3 लाख सिंधी मतदाता हैं. यह उनकी उम्मीदवारी को बड़ी ताकत प्रदान करेगा."
पूनम सिन्हा सिंधी हैं और उनके पति शत्रुघ्न सिन्हा कायस्थ हैं. बीजेपी के महासचिव विजय पाठक ने हालांकि मामले को ज्यादा महत्व नहीं देते हुए कहा, "लखनऊ हमेशा से बीजेपी का गढ़ रहा है और हमेशा बना रहेगा. राजनाथ सिंह ने यहां कई विकास कार्य किए हैं और उनका लोगों के साथ अच्छा तालमेल है. बाहर से आई उम्मीदवार ज्यादा मतदाताओं को लुभा नहीं पाएंगी." राजनाथ सिंह ने 2014 में लखनऊ सीट से कुल 55.7 प्रतिशत मत हासिल किए थे.