गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दिया बयान, कहा- ऊंची जाति के किसी व्यक्ति ने नहीं की थी भगवान राम की मदद
राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Photo Credits-ANI)

गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने अपने पहले आधिकारिक भाषण में कहा है कि जब भगवान राम को अयोध्या से वनवास भेजा गया था और जब वह सीता को वापस लाने के लिए रावण से युद्ध कर रहे थे, तब ऊंची जाति के किसी व्यक्ति ने उनकी मदद नहीं की थी. उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी और निचली जाति के लोगों ने वनवास के दौरान भगवान राम की मदद की थी. पणजी से 35 किलोमीटर दूर दक्षिण गोवा (Goa) के पोंडा शहर में गुरुवार को दूसरे आदिवासी स्टूडेंट्स कांफ्रेंस के दौरान अपने भाषण में मलिक ने कहा अयोध्या में भगवान राम (Lord Ram) के लिए भव्य मंदिर बनाए जाने की चर्चा पूरे देश में हो रही है. एक भव्य राम मंदिर बनाया भी जाएगा.

मैं हर दिन ऊंची रैंक वाले संतों और महंतों के भाषण सुनता हूं. वे जब भी अपना दृष्टिकोण बताते हैं, वे रामलला की मूर्ति और राम दरबार के बारे में बोलते हैं. मलिक ने तीन नवंबर को गोवा के राज्यपाल का पदभार संभाला था, जिसके बाद उन्होंने पहली बार सार्वजनिक तौर पर भाषण दिया है. उन्होंने कहा केवट और शबरी की मूर्ति के बारे में कोई नहीं बोलता है.

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जब राम की पत्नी व माता सीता का अपहरण हुआ था, तब राम के भाई अयोध्या के राजा थे. तब अयोध्या से एक भी सैनिक, एक भी व्यक्ति उनकी (राम) मदद के लिए नहीं आया था. जब वह (राम) श्रीलंका के लिए निकले थे, तब उनके साथ आदिवासी, और सिर्फ निचली जाति के लोग थे. क्या कोई मुझे बता सकता है कि ऊंची जाति के किसी भी व्यक्ति ने उनके साथ लड़ाई में मदद की थी? उन्होंने कहा कि जब मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन किया जाएगा, तब वह मंदिर के दरबार हाल में भगवान राम के बगल में केवट और शबरी की मूर्ति स्थापित करने के लिए पैरवी करेंगे.