पेट्रोल, डीजल वाहनों को पूरी तरह बंद करने का कोई इरादा नहीं: धर्मेंद्र प्रधान

सरकार की निकट भविष्य में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है , लेकिन पर्यावरण को बचाने और कच्चे तेल के आयात में कटौती के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना जारी रखा जाएगा. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को यह बात कही.

File image of Petroleum Minister Dharmendra Pradhan (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली. सरकार की निकट भविष्य में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है , लेकिन पर्यावरण को बचाने और कच्चे तेल के आयात में कटौती के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना जारी रखा जाएगा. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को यह बात कही.  प्रधान ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा , " ई - वाहन प्राथमिकता में है लेकिन ईंधन की बढती जरूरतों को बीएस -6 मानक वाले पेट्रोल एवं डीजल , सीएनजी , जैवईंधन के साथ ही ई - वाहन सभी को मिला जुलाकर पूरा किया जाएगा. "

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा , " क्या कोई सरकारी दस्तावेज है , जिसमें यह लिखा हो कि इस तारीख से पेट्रोल और डीजल वाहन बंद होंगे. उन्होंने कहा कि भारत ऐसा करने का जोखिम नहीं उठा सकता. "भारत में 2018-19 में 21.16 करोड़ टन पेट्रोलियम उत्पादों की खपत हुई थी। इसमें डीजल का हिस्सा 8.35 करोड़ टन और पेट्रोल का 2.83 करोड़ टन था.

प्रधान ने कहा कि परिवहन क्षेत्र में पेट्रोलियम पदार्थों की अभी भी सबसे ज्यादा मांग है और इस तरह के वाहनों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के ईंधनों का होना जरूरी है.

उन्होंने कहा , " हमें सीएनजी , पीएनजी , जैवईंधन और बायोगैस की जरूरत होगी. "

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में ऊर्जा की मांग दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रही है और कोई भी एक स्त्रोत इस मांग को पूरा नहीं कर सकता है. इसके लिए कई ईंधनों के अलग अलग विकल्पों की जरूरत होगी.

देश में एक अप्रैल 2020 से यूरो- छह मानक के पेट्रोल, डीजल का इस्तेमाल शुरू होगा. इसके साथ ही सरकार वाहनों में खासतौर से सार्वजनिक वाहनों में सीएनजी के इस्तेमाल को बढ़ाने पर जोर दे रही है. सरकार पेट्रोल, डीजल में भी एथनॉल और दूसरे खाद्य तेलों के मिश्रण पर जोर दे रही है ताकि परंपरागत तेल पर निर्भरता को कम किया जा सके.

नीति आयोग के अनुसार 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की 100 प्रतिशत बिक्री से भारत की तेल आयात निर्भरता काफी कम हो जायेगी.

Share Now

\