नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब सरकारी बंगला नहीं मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आज यह फैसला सुनाया. इससे पहले समाजवादी पार्टी की सरकार में तत्कालीन CM अखिलेश यादव ने एक कानून बनाया था, जिसके मुताबिक उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को रहने के लिए सरकारी बंगला दिए जाए का प्रावधान किया गया था.
जिसके बाद इसी कानून को लेकर एक जनहित याचिका के जरिए इसे चुनौती दी गई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत ने अखिलेश सरकार के कानून को पलट दिया.
देश की सबसे बड़ी अदालत ने माना है कि यह पूरी तरह से मनमाना है. अगर कोई पद छोड़ देता है उसके बाद भी उसे विशेष दर्जा देते हुए सरकारी बंगला दिया जाए तो यह समानता के अधिकार के खिलाफ है.
Supreme Court quashed the law passed by Uttar Pradesh govt granting permanent residential accommodation to former Chief Ministers of the state. The Court in its order said that Former CMs of the state are not entitled to government bungalows. pic.twitter.com/8VBRl4KKnY
— ANI (@ANI) May 7, 2018
ऐसे में अब पूर्व सीएम अखिलेश यादव, मायावती, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह को प्रदेश में मिला सरकारी बंगला खाली करना होगा. वही मौजूदा समय में राजनाथ सिंह केंद्र सरकार में गृहमंत्री है तो कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल है.