जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों को स्पष्ट रूप से निशाना बनाया गया: सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हत्याओं में अचानक तेजी आई है. अल्पसंख्यकों को स्पष्ट रूप से निशाना बनाया गया है. इसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए. कांग्रेस ने शनिवार सुबह 10 बजे से सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई है.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर: कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हत्याओं में अचानक तेजी आई है. अल्पसंख्यकों को स्पष्ट रूप से निशाना बनाया गया है. इसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए. कांग्रेस ने शनिवार सुबह 10 बजे से सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई है. बैठक में दिग्विजय सिंह को छोड़कर लगभग सभी नेता शामिल हुए हैं.

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "मैं मानसून संसद के स्थगित होने के बाद से यह बैठक करना चाहती थी. अब जब हम सभी का दोहरा टीकाकरण हो गया है, तो मैंने फैसला किया कि हम अपने मास्क के साथ आमने-सामने बैठकर बात करें. सबसे पहले मैं डॉ मनमोहन सिंह के पूर्ण और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं. "यह भी पढ़े:सोनिया गांधी की देश के 15 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक, वर्ष 2024 के आम चुनावों में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी!

उन्होंने कहा, "इस बार हम, किसानों और किसान संगठनों द्वारा जारी आंदोलन की पृष्ठभूमि में मिल रहे हैं. संसद के माध्यम से 'तीन काले कानून' को वापस लेने की मांग करते एक साल से अधिक समय हो गया है. हमारे विरोध बाद भी मोदी सरकार उन्हें पारित कराने पर तुली हुई थी ताकि कुछ निजी कंपनियों को फायदा हो सके. किसानों ने तुरंत अपना विरोध शुरू कर दिया और तब से अब तक बहुत कुछ झेला है. लखीमपुर-खीरी की चौंकाने वाली घटनाएं हाल ही में हुई हैं. भाजपा लगातार किसानों को धोखा देती रही है. "

सोनिया गांधी ने कहा, "हमें यह विश्वास दिलाना है कि सरकारी प्रचार के बावजूद अर्थव्यवस्था बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है. सरकार के पास आर्थिक सुधार के लिए एक ही उत्तर है कि वह दशकों से बड़े प्रयास से निर्मित राष्ट्रीय संपत्तियों को बेच रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र के न केवल सामरिक और आर्थिक उद्देश्य थे इसके सामाजिक लक्ष्य भी हैं, उदाहरण के लिए, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का सशक्तिकरण और पिछड़े क्षेत्रों का विकास. लेकिन यह सब मोदी सरकार के बेचो, बेचो, बेचो के सिंगल-पॉइंट एजेंडे से खतरे में है. "

उन्होंने कहा इस बीच, "आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में खाद्य और ईंधन की बेरोकटोक वृद्धि जारी है, पेट्रोल-डीजल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक है. "उन्होंने कहा, "जब से हम पिछली बार मिले थे, भारत सरकार ने अपनी वैक्सीन खरीद नीति में बदलाव किया था. यह राज्यों की मांगों के जवाब में किया गया है. यह उन दुर्लभ अवसरों में से एक था जब राज्यों को वास्तव में सुना गया और देश को लाभ हुआ. फिर भी, सहकारी संघवाद केवल एक नारा बनकर रह गया है और केंद्र गैर-भाजपा राज्यों को नुकसान में डालने का कोई मौका नहीं खोता है. "

उन्होंने कहा, "हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में हत्याओं में अचानक तेजी आई है. अल्पसंख्यकों को स्पष्ट रूप से निशाना बनाया गया है. इसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए. हमने ऐसा किया है और मैं फिर से निंदा करती हूं. जम्मू-कश्मीर दो साल से केंद्र शासित प्रदेश रहा है. इन बर्बर अपराधों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है. "उन्होंने यूथ कांग्रेस और पार्टी कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा, "पिछले दो वर्षो में, बड़ी संख्या में हमारे सहयोगियों, विशेष रूप से युवाओं ने पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों को लोगों तक ले जाने में नेतृत्व की भूमिका निभाई है - चाहे वह किसानों का आंदोलन हो, महामारी के दौरान राहत का प्रावधान हो, मुद्दों को उजागर करना हो. "

Share Now

\