मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, किसानों पर दर्ज हजारों मामले लिए वापस
कमलनाथ (Photo Credits: IANS)

भोपाल. मध्य प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार ने प्रदेश की भाजपा नीत पूर्व सरकार द्वारा विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज हजारों मामलों को वापस ले लिया है. मध्य प्रदेश के विधि एवं विधायी कार्य मंत्री पी. सी. शर्मा ने अपने विभाग का एक साल का ब्योरा देते हुए मंगलवार को यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘प्रदेश की भाजपा नीत पूर्व सरकार ने समूचे राज्य में किसानों पर 45,000 से अधिक मामले दर्ज किये थे. इनमें से हजारों की तादाद में किसानों पर दर्ज प्रकरण हमारी सरकार ने वापस ले लिये हैं.’’हालांकि, उन्होंने कहा कि इस समय वह यह नहीं बता सकते कि किसानों पर दर्ज कुल कितने मामलों को वापस लिया गया है.

उन्होंने कहा कि ये प्रकरण किसानों पर मंदसौर, देवास, भोपाल एवं अन्य जगहों पर दर्ज किये थे. शर्मा ने बताया कि भाजपा नीत पूर्व सरकार ने किसान विरोधी नीतियों का विरोध करने पर किसानों को प्रताड़ित करने के लिए जेल में बंद कर दिया था. यह भी पढ़े-मध्य प्रदेश सरकार 3 लाख युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार से जोड़ेगी

मालूम हो कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीत पूर्व शासनकाल में अपनी उपजों के वाजिब दाम, कर्ज माफी एवं अन्य मांगों को लेकर किसानों ने वर्ष 2017 में एक जून से 10 जून तक राज्यव्यापी आंदोलन किया था. इसमें मंदसौर के पिपलिया मंडी में छह जून 2017 को पुलिस गोलीबारी में छह किसानों की मौत हुई थी, जिसके बाद प्रदेश में व्यापक पैमाने पर हिंसा, आगजनी, लूटपाट एवं तोड़फोड़ हुई थी, जिसको लेकर किसानों पर मामले दर्ज किये गये थे. इसके अलावा, तत्कालीन सरकार ने बिजली चोरी एवं बिजली बिलों का भुगतान न करने सहित अन्य कई प्रकार के मामलों में किसानों पर मुकदमे दर्ज किये गये थे।