मोदी सरकार 2.0 में अलगाववादियों के तेवर पड़े नर्म, बातचीत के लिए तैयार मीरवाइज उमर फारूक
घाटी को आतंक मुक्त कराने और अलगाववादियों पर नकेल कसने की जिम्मेदारी अमित शाह पर है. जिसका असर अब नजर आने लगा है. अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक केंद्र सरकार से बातचीत के लिए अपनी सहमती जताई है. उन्होंने इस दौरान उन्होंने कहा है कि वे पीएम मोदी और शाह से बातचीत के लिए तैयार हैं.
गृहमंत्री का पद संभालने के तुरंत बाद अमित शाह ( Amit Shah) कश्मीर को लेकर एक्शन में आ गए हैं. घाटी को आतंक मुक्त कराने और अलगाववादियों पर नकेल कसने की जिम्मेदारी अमित शाह पर है. जिसका असर अब नजर आने लगा है. अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक केंद्र सरकार से हाई लेवल बातचीत के लिए अपनी सहमती जताई है. उन्होंने इस दौरान कहा है कि वे पीएम मोदी और शाह से बातचीत के लिए तैयार हैं. मीरवाइज उमर फारूक ने दिवंगत पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नीतियों का समर्थन करते हुए बेहतरीन बताया.
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार अलगाववादी हुर्रियत नेताओं से भारतीय संविधान के दायरे में बातचीत करने के लिए तैयार है. कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने संवाददाताओं से कहा था कि, हम बातचीत के लिए तैयार हैं. हुर्रियत नेता हमारे अपने लोग हैं. वे जम्मू एवं कश्मीर के निवासी हैं, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत हमसे बातचीत के लिए उनका स्वागत है, लेकिन बातचीत भारत के संविधान के दायरे में हो.
बता दें कि गृह मंत्रालय की ओर से गठित मल्टी डिसिप्लिनरी टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप (एमडीटीएमजी) ने आतंकियों और अलगाववादियों पर निर्णायक प्रहार की खातिर कश्मीर में अपना काम शुरू कर दिया है. एमडीटीएमजी राज्य में आतंकवाद, अलगाववाद व संबंधित गतिविधियों से जुड़े मामलों को हल करने के लिए संबंधित एजेंसियों में समन्वय बना कर कार्रवाई करेगी. फिलहाल मोहम्मद यासीन मलिक, शब्बीर अहमद शाह जैसे कई नामी अलगाववादी शामिल हैं जो तिहाड़ की जेल में बंद हैं.