इस्लामाबाद, 26 जनवरी: भारत ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री को न्योता भेजा है. इस बीच पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई बैकचैनल डिप्लोमेसी नहीं चल रही है.
पाकिस्तान सीनेट को गुरुवार को स्पष्ट रूप से सूचित किया गया कि इस समय पाकिस्तान और भारत के बीच पर्दे के पीछे कोई कूटनीति नहीं चल रही है. यह जानकारी मीडिया ने दी. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार ने प्रश्नकाल के दौरान सदन को बताया कि पड़ोसी देश से आने वाली शत्रुता अनोखी प्रकृति की थी.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध भारत के उकसावे वाले कई कदमों की वजह से बिगड़े हैं. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के नकारात्मक रवैये के बावजूद इस्लामाबाद शांति के रास्ते पर चलता रहेगा और नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ है.
हिना ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को पूर्ण धार्मिक सुरक्षा प्राप्त है, लेकिन भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है.
उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर के खुलने को एक सकारात्मक मिसाल बताते हुए कहा कि ऐसी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाया जाना चाहिए.
मंत्री की यह टिप्पणी भारत द्वारा पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अट्टा बंदियाल और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को एक प्रमुख क्षेत्रीय मंच की बैठक में आमंत्रित किए जाने के कुछ दिनों बाद आई है. बैठक में रूस और चीन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मुख्य न्यायाधीशों की बैठक मार्च में निर्धारित है, जबकि विदेश मंत्री मई में गोवा में बैठक करेंगे.
हालांकि, मई में प्रमुख क्षेत्रीय मंच की बैठक में भाग लेने के लिए भारतीय निमंत्रण का जवाब देने की पाकिस्तान को कोई जल्दी नहीं है, क्योंकि अधिकारियों ने नई दिल्ली के निमंत्रण को 'नियमित अभ्यास' करार दिया है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को भारत का निमंत्रण मिलने की पुष्टि की, लेकिन कहा कि "इस समय कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. यह एक नियमित मामला है. भारत ने एससीओ के अध्यक्ष होने के नाते पाकिस्तान सहित सदस्य देशों को आमंत्रित किया है."