Goa Assembly Election Results 2022 Live Updates: गोवा में बीजेपी ने अब तक 19 सीटों पर जीत दर्ज की, एक सीट पर आगे
साल 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस ने सर्वाधिक 17 सीट जीती थीं, जबकि बीजेपी को 13 सीट मिली थीं. हालांकि, भगवा दल ने कुछ अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली थी. पिछले पांच साल में कई कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और अब सदन में पार्टी के केवल दो विधायक हैं.
गोवा में कुल 40 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान हुए थे. आज नतीजों का दिन है और इसके लिए वोटों की गिनती मडगांव और पणजी में शुरू हो गई है. गोवा में सरकार बनाने के लिए 21 सीटें हासिल करना जरूरी है और इसके लिए कांग्रेस और बीजेपी में कांटे टक्कर का अनुमान है. ज्यादातर एग्जिट पोल्स में कांग्रेस को 15 से 20 सीटें और बीजेपी को 14 से 18 सीटें मिलने का अनुमान है. आज स्थिति साफ हो पाएगी कि यहां किसकी सरकार बनने जा रही है. Goa: कांग्रेस ने मतगणना से पहले उम्मीदवारों को लग्जरी रिसॉर्ट स्थानांतरित किया
ज्यादातर एग्जिट पोल ने गोवा में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले की भविष्यवाणी की है. दोनों पार्टियों ने बहुमत न मिलने की स्थिति में सरकार गठन के लिए दूसरे दलों से बातचीत शुरू कर दी है. राज्य के मतदान अधिकारियों ने कहा कि मतगणना गुरुवार को होगी. सभी मतदान केंद्रों पर पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू हो चुकी है.
इस बार गोवा में इस बार कुल 79.61% मतदान हुआ है. सबसे ज्यादा मतदान मुख्यमंत्री की सीट सेंक्वेलिम पर हुआ है. इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत चुनाव लड़े हैं. वे इस सीट पर दो बार 2012 और 2017 में जीत हासिल कर चुके हैं.
गोवा विधानसभा चुनाव में इस बार मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, पूर्व सीएम और टीएमसी उम्मीदवार चर्चिल अलेमाओ, विपक्ष नेता और कांग्रेस उम्मीदवार दिगंबर कामत, बीजेपी नेता रवि नाइक, निर्दलीय प्रत्याशी लक्ष्मीकांत पारसेकर और पूर्व सीएम विजय सरदेसाई जैसे दिग्गजों की साख दांव पर लगी है.
एबीपी सी-वोटर एग्जिट पोल ने बीजेपी के लिए 13 से 17 और कांग्रेस के लिए 12 से 16 सीटों के बीच भविष्यवाणी की है. आप को 1-5 सीटें जीतने का अनुमान है. गोवा में बहुमत के लिए 21 सीट लाना जरूरी है. यहां कुल 40 सीट है.
साल 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस ने सर्वाधिक 17 सीट जीती थीं, जबकि बीजेपी को 13 सीट मिली थीं. हालांकि, भगवा दल ने कुछ अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली थी. पिछले पांच साल में कई कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और अब सदन में पार्टी के केवल दो विधायक हैं.