दिल्ली के सरकारी स्कूलों की छात्राओं को कोडिंग और STEM एजुकेशन के बाद अब आप सरकार ने दिया कोडेथाॅन कार्यक्रम में शामिल होने का तोहफा

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अच्छी नीयत से काम करने पर सारी कायनात हमारा साथ देती है। ऐसा लगता है मानो दिल्ली के लिए कुदरत का कोई अलग ही साॅफ्टवेयर काम कर रहा है. हमारे बच्चों को कोडिंग सिखाने के लिए विभिन्न संस्थाओं का एक मंच पर आना बड़ी बात है. पिछले साल शी कोड्स और E&Y द्वारा संचालित STEM एजुकेशन के द्वारा छात्राओं में कोडिंग और तकनीकी शिक्षा के लिए प्रेरित करने के बाद आज बड़े पैमाने पर दिल्ली सरकार के 12000 छात्र और छात्राएं के लिए HT के साथ मिलकर कोडेथाॅन कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला किया है.

मनीष सिसोदिया छात्रों के साथ (File Photo)

नई दिल्ली : 08 अक्तूबर. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अच्छी नीयत से काम करने पर सारी कायनात हमारा साथ देती है। ऐसा लगता है मानो दिल्ली के लिए कुदरत का कोई अलग ही साॅफ्टवेयर काम कर रहा है. हमारे बच्चों को कोडिंग सिखाने के लिए विभिन्न संस्थाओं का एक मंच पर आना बड़ी बात है. पिछले साल शी कोड्स और E&Y द्वारा संचालित STEM एजुकेशन के द्वारा छात्राओं में कोडिंग और तकनीकी शिक्षा के लिए प्रेरित करने के बाद आज बड़े पैमाने पर दिल्ली सरकार के 12000 छात्र और छात्राएं के लिए HT के साथ मिलकर कोडेथाॅन कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला किया है. श्री सिसोदिया ने आज कोडेथाॅन की लांचिंग के दौरान यह बात कही। एसकेवी, कालकाजी में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस दौरान दिल्ली सरकार द्वारा पिछले साल शुरू किया गया शी-कोड्स कार्यक्रम के जरिए कोडिंग सीखने वाली छह छात्राओं ने अपने बनाए एनिमेशन वीडियो का प्रदर्शन भी किया. इस कार्यक्रम में सातवीं कक्षा की 870 छात्राओं को कोडिंग और प्रोग्रामिंग का प्रशिक्षण दिया गया था। कोरोना संकट में स्कूल बंद होने के कारण ऐप्प के माध्यम से आॅनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है.

श्री सिसोदिया ने बच्चों को कोडिंग और प्रोग्रामिंग जैसी अत्याधुनिक चीजें सिखाने को भविष्य से जुड़ी चुनौतियों का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा-प्रणाली में अब तक आधुनिक तकनीक और भविष्य से जुड़ी चीजों की कमी रहती थी। लेकिन कोडिंग के जरिए हम दिल्ली के बच्चों को भविष्य की हाई-टेक दुनिया के लिए तैयार कर रहे हैं. उपमुख्यमंत्री श्री सिसोदिया ने कहा कि स्टीव जाॅब्स के अनुसार दुनिया में हर व्यक्ति को कोडिंग सीखना चाहिए. दिल्ली सरकार ने भविष्य की इसी जरूरत को पूरा करने के लिए ऐसे प्रोग्राम शुरू किए हैं. श्री सिसोदिया ने कहा कि भविष्य में कोडिंग ही हमारी सामान्य भाषा होगी। आज जिस तरह हम हिंदी, अंग्रेजी या अन्य भाषाओं का उपयोग करते हैं, उसी तरह भविष्य में जावा, पायथाॅन वगैरह को सामान्य भाषा समझा जाएगा. इसलिए भविष्य में हमारा देश कहां होगा, इसे हमारी आज की शिक्षा ही तय करेगी. यह भी पढ़ें-मनीष सिसोदिया और उद्यमी किरण मजूमदार शाॅ ने बच्चों से किया संवाद, डिप्टी सीएम बोले-सिर्फ नौकरी के बदले ज्ञान के व्यापक उपयोग की समझ जरूरी

श्री सिसोदिया ने कहा कि हमारा सपना सिर्फ अपने बच्चों को शिक्षित करके अच्छा भविष्य देने तक सीमित नहीं हो बल्कि हमें फिर से विश्वगुरू बनने का सपना देखना चाहिए। जिस तरह आज भारत में कुछ अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चों को अमेरिका या जापान में पढ़ने का अवसर मिले, उसी तरह अमेरिका और जापान के पेरेंट्स भी अपने बच्चों को भारत में पढ़ाने का सपना देखें,श्री सिसोदिया ने कहा कि यह संभव है क्योंकि भारत को पहले भी विश्वगुरू कहा जाता था। भारत एक महान देश तब बनेगा, जब हमारी शिक्षा का स्तर एक बार फिर विश्वस्तर का हो.

श्री सिसोदिया ने कोडिंग को न्यू जेनरेशन आर्ट बताते हुए कहा कि यह बच्चों को अपनी बातें कलात्मक तरीके से कहने का अंदाज सिखाना है। कोडिंग के जरिए हम सोचना भी सीखते हैं. बच्चों ने एनीमेशन वीडियो में तकनीकी भाषा की प्रोग्रामिंग के साथ ही कला और मौलिकता का भी प्रदर्शन किया है. इस तरह हम बच्चों को भविष्य के अनुकूल तैयार कर रहे हैं.

इस दौरान हिना, प्रज्ञा, सना, टीया, दिशा तथा अलका नामक छात्राओं ने अपने बनाए एनिमेशन वीडियो का प्रदर्शन किया। इनमें ‘गुड टच और बेड टच‘, पर्यावरण संरक्षण, बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता, कोरोना संबंधी बचाव, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और कोरोना वायरस जैसे विषय शामिल थे.

-बाल विवाह पर एक छात्रा ने एनिमेशन वीडियो बनाया। श्री सिसोदिया ने इसकी तारीफ करते हुए कहा कि इसमें उस बच्ची को ‘सी वाज हेल्पलेस‘ कहा गया है. लेकिन अब हम कह सकते हैं कि ‘सी इज नाॅट हेल्पलेस, बिकाऊज सी इज लर्निंग कोडिंग‘

-संवाद के दौरान एक छात्रा ने बताया कि उसके पापा आॅटो ड्राइवर हैं तथा मेरी मम्मी शाॅपकीपर हैं. इस पर श्री सिसोदिया ने कहा- ‘अब तुम्हारे मम्मी-पापा कहेंगे कि मेरी बेटी कोडर है.‘

-एक शिक्षिका ने कहा- ‘जो चीजें हम बेटियों को नहीं मिल सकीं, वैसी चीजें इन बेटियों को देने के लिए दिल्ली सरकार को धन्यवाद.‘

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