मध्यप्रदेश: कांग्रेस विधायक ने नया राज्य 'भीलिस्तान' बनाने की मांग की, BJP ने साधा निशाना

मध्यप्रदेश की सत्ता हाथ में लिए अभी कांग्रेस को ठीक से एक महीने भी नही गुजरे है लेकिन इस बीच कई नेता पार्टी से नाराज हो गए है. मुख्यमंत्री कमलनाथ की कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से रूठे धार जिले के मनावर से कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने प्रदेश का बटवारा करके आदिवासियों के लिए अलग राज्य की मांग की है.

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की बढ़ी मुसीबते (Photo Credit: Twitter)

भोपाल: मध्यप्रदेश की सत्ता हाथ में लिए अभी कांग्रेस को ठीक से एक महीने भी नही गुजरे है लेकिन इस बीच कई नेता पार्टी से नाराज हो गए है. मुख्यमंत्री कमलनाथ की कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से रूठे धार जिले के मनावर से कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने प्रदेश का बटवारा करके आदिवासियों के लिए अलग राज्य की मांग की है.

एम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले अलावा ने आदिवासी राज्य 'भीलिस्तान' बनाने की मांग कामनाथ सरकार के सामने रखी है. उन्होंने मांग की है कि 'भीलिस्तान' बनाकर यहां पांच के बजाय छह शेड्यूल बनाकर स्वशासी प्रदेश का दर्जा देकर स्वशासी जिले और तहसील बनाए जाएं ताकि वहां के आदिवासियों की पहचान, परंपरा का संरक्षण किया जा सके.

उधर, कांग्रेस ने अपने विधायक के बागी तेवर से किनारा करते हुए उनका व्यक्तिगत मत बताया है. सूबे के कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने कहा मध्यप्रदेश में कांग्रेस के साथ 121 विधायक हैं. सबको मंत्री नहीं बना सकते, लेकिन वे अपने इलाके का मंत्री बनकर विकास करना चाहते हैं. मैं नहीं सोचता प्रदेश में किसी नए विभाजन की ज़रूरत है.

उधर बीजेपी इस मामले को भुनाने में जुट गई है. बीजेपी ने इसे गंभीर मसला बताकर कांग्रेस को घेरा है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कांग्रेस अपने ही विधायक की मांग पर क्या कहती है. केवल नकारने से काम नहीं चलेगा. क्या इसे हतोत्साहित करने का प्रयास कांग्रेस कर रही है. कमलनाथ जी का कोई बयान नहीं आया है. ये छोटा मामला नहीं बड़ा मामला है.

गौरतलब हो कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन करने में असफल रही कांग्रेस ने जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) से गठबंधन किया था. जिसके राष्ट्रीय संरक्षक डॉ हीरालाल अलावा है. मध्यप्रदेश की आबादी में 21 प्रतिशत आदिवासी हैं. विधानसभा की 230 सीटों में से 47 एसटी के लिए आरक्षित हैं.

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