कांग्रेस पार्टी ने राम मंदिर उद्घाटन में शामिल न होने का फैसला किया है, जिसके बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि "भगवान राम और बाबर के बीच, कांग्रेस हमेशा बाद वाले को चुनेगी और इसलिए 22 जनवरी को राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से उनका इनकार अच्छा है, उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को खराब कर दिया होता."
तय है कि राम मंदिर का मुद्दा साल 2024 के चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनने वाला है और इस मुद्दे पर कांग्रेस ने न्योते को अस्वीकार करके बड़ा विवाद पैदा कर दिया है.. बीजेपी अभी से आरोप लगा रही है कि कांग्रेस ने ये कदम कुछ कट्टरपंथी वोटों के लालच में उठाया है? आखिर वो क्या वजहें जिसकी वजह से कांग्रेस ने अयोध्या नहीं जाने का फैसला किया?
#WATCH | Bhubaneswar: Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma says, "Congress committed sins all its life, they made many conspiracies to ensure that Ram temple is not built... Babar is dearer to them, and Congress feels good in going to Babar. But it doesn't feel good to come… pic.twitter.com/TggAmwwoOY
— ANI (@ANI) January 13, 2024
कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं जाने का फैसला किया है. सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम में जाने से मना कर दिया है. यही नहीं, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे. कांग्रेस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ये कार्यक्रम बीजेपी और आरएसएस का है. पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए कर रही है.
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है. सोनिया गांधी, खरगे और चौधरी ने बीजेपी और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं.