राजस्थान में बीएसपी नेताओं के साथ हुए अभद्रता पर कांग्रेस पर भड़की मायावती, कहा- पहले विधायकों को तोडा अब हमला करवा रही है
राजस्थान की राजधानी में बहुजन समाज पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के ही कुछ कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जूतों की माला पहना दी और उनके चेहरे पर कालिख पोत दी
जयपुर: राजस्थान की राजधानी में बहुजन समाज पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के ही कुछ कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जूतों की माला पहना दी और उनके चेहरे पर कालिख पोत दी. वहीं, बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने इस घटना को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. यह घटना मंगलवार को यहां बनीपार्क स्थित बसपा कार्यालय में हुई. खबरों के अनुसार बसपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक रामजी गौतम और पार्टी की राज्य इकाई के प्रभारी सीताराम के चेहरे पर काली स्याही पोत दी और उन्हें जूतों की माला पहना दी. उन्होंने गौतम को गधे पर भी बैठा दिया.
बसपा प्रमुख मायावती ने इस घटना की निंदा करते हुए कांग्रेस पार्टी पर राज्य में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर हमला कराने का आरोप लगाया. मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने पहले राजस्थान में बसपा विधायकों को तोड़ा और अब मूवमेन्ट को अघात पहुँचाने के लिए वहाँ वरिष्ठ लोगों पर हमला करा रही है जो अति-निन्दनीय और शर्मनाक है. उन्होंने लिखा है, ‘‘कांग्रेस अम्बेडकरवादी मूवमेन्ट के खिलाफ काफी गलत परम्परा डाल रही है जिसका ‘जैसे को तैसा’ जवाब लोग दे सकते हैं। अतः कांग्रेस को अपनी ऐसी घिनौनी हरकतों से बाज़ आ जाना चाहिए.’’ यह भी पढ़े: बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- इस पार्टी की दोगली नीति की वजह से देश में सांप्रदायिक ताकतें हो रही हैं मजबूत
मायावती ने ट्वीट कर कांग्रेस पर साधा निशाना:
बता दें कि इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है. पार्टी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इन दोनों नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात किया है. कार्यकर्ताओं की दुर्दशा को पार्टी की प्रमुख मायावती तक नहीं पहुंचाते हैं और भ्रष्टाचार करते हैं. घटना के संबंध में एक कार्यकर्ता ने कहा,‘‘हमारे कार्यकर्ता अपने नेताओं से परेशान हैं. कार्यकर्ता पांच साल मेहनत करते हैं, लेकिन नेता पैसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के पैराशूट उम्मीदवारों को टिकट देते हैं. बसपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को नजरअंदाज किया जाता है और उनका शोषण किया जाता है.’’