Bihar: कांग्रेस की 'एकला चलो' की नीति, RJD के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी!

बिहार में दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर विपक्षी दलों के महागठबंधन में फूट स्पष्ट दिखने लगी है. महागठबंधन के दो घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस अब किसी भी परिस्थिति में पीछे हटने को तैयार नहीं है. माना जा रहा है कि कांग्रेस इस उपचुनाव में 'एकला चलो' की नीति के जरिए न केवल अपनी ताकत आंकना चाहती है बल्कि अपनी खोई जमीन को वापस भी पाना चाहती है.

कांग्रेस (Photo Credits: PTI)

पटना, 16 अक्टूबर: बिहार (Bihar) में दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर विपक्षी दलों के महागठबंधन में फूट स्पष्ट दिखने लगी है. महागठबंधन के दो घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस अब किसी भी परिस्थिति में पीछे हटने को तैयार नहीं है. माना जा रहा है कि कांग्रेस इस उपचुनाव में 'एकला चलो' की नीति के जरिए न केवल अपनी ताकत आंकना चाहती है बल्कि अपनी खोई जमीन को वापस भी पाना चाहती है.

कांग्रेस ने जब स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी तब उस सूची में यादव जाति से आने वाले किसी नेता का नाम नहीं था. जब इसको लेकर सवाल उठाए जाने लगे तब कांग्रेस ने शुक्रवार को दोनों सीटों के लिए अब्जर्वर की नियुक्ति की घोषणा की. अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के फैसले के अनुसार कुशेश्वरस्थान से पूर्व सांसद रंजीत रंजन को अब्जर्वर नियुक्त किया गया है, जबकि तारापुर विधानसभा क्षेत्र से चंदन यादव पार्टी के अब्जर्वर होंगे. यह भी पढ़े: Punjab Congress Crisis: दिल्ली पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू ने फिर फेंकी 'गुगली', हरीश रावत बोले- कल होने वाली है बड़ी घोषणा

माना जा रहा है कि कांग्रेस ने इस तरह इन दोनों सीटों पर यादव जाति से आने वाले दो नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंप कर अपनी मंशा जाहिर कर दी है कि वह फिलहाल पीछे हटने के मूड में नहीं है. पिछले वर्ष हुए बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और राजद विपक्षी दलों के महागठबंधन के तहत चुनाव मैदान में उतरे थे, जिसमें कुशेश्वरस्थान सीट पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर आई थी जबकि तारापुर से राजद के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर थे.

इस उपचुनाव में राजद ने पहले ही दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी, जिससे कांग्रेस नाराज हो गई और उसने भी दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए. राजद के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के अलावा कांग्रेस ने न केवल राजद के सबसे मजबूत आधार माने जाने वाले वोट बैंक मुस्लिम, यादव (एमवाई) समीकरण को साधने के लिए एक खास रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है, बल्कि इसी बहाने कांग्रेस अपनी ताकत भी आंकना चाहती है.

कांग्रेस के एक नेता ने नाम प्राकशित करने की शर्त पर कहते हैं कि यादव वोट बैंक में सेंधमारी को लेकर कांग्रेस पीछे नहीं हटना चाहती है. कांग्रेस सवर्ण मतदाताओं को भी अपनी ओर आकर्षित करने की तैयारी में है. यही कारण है कि कांग्रेस के 20 सदस्यीय स्टार प्रचारकों की सूची में पांच भूमिहार, तीन ब्राह्मण, दो राजपूत और एक कायस्थ नेता का नाम शामिल है.

बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ भी कहते हैं कि कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ उपचुनाव में उतर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रारंभ से ही समाज के सभी वगरें को साथ लेकर चलने पर विश्वास करती रही है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि दशहरा समाप्त हो गया है और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी अब चुनाव क्षेत्र में कैंप करेंगे.

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