West Bengal:  बीजेपी का दावा, बाबुल सुप्रियो के TMC में शामिल होने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा
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नई दिल्ली, 19 सितम्बर: पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने के एक दिन बाद बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई ने दावा किया कि इसका भगवा पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. पिछले कुछ महीनों में मुकुल रॉय समेत बीजेपी के चार विधायक तृणमूल में शामिल हुए हैं. भगवा पार्टी का मानना है कि सुप्रियो और अन्य विधायकों का जमीन पर कोई प्रभाव नहीं है. पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेताओं ने सुप्रियो को एक 'अवसरवादी' करार दिया, जो 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हो गए थे और केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के तुरंत चले गए. यह भी पढ़े: भाजपा की नजर उत्तर प्रदेश विधानसभा और मुंबई नगर निकाय चुनावों पर, पार्टी खेल रही है ‘बाहरी’ कार्ड : संजय राउत

पश्चिम बंगाल में बीजेपी कैडर का मानना है कि वह (सुप्रियो) न तो लोकप्रिय थे और न ही कैडर के बीच उनका प्रभाव था. बीजेपी पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, "सुप्रियो ने अपने लोकसभा क्षेत्र आसनसोल में कैडर और लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता खो दी. वह आठ महीने से अधिक समय से अपने निर्वाचन क्षेत्र से पूरी तरह से गायब थे. उन्होंने राज्य में अपनी लोकप्रियता खो दी है और यह पांच महीने पहले सुप्रियो के विधानसभा चुनाव हारने के पीछे के कारण में से एक था. "घोष ने कहा कि उनकी एकमात्र प्राथमिकता लोगों के लिए काम किए बिना मंत्री बने रहना है. केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के तुरंत बाद, बाबुल ने राजनीति छोड़ने की घोषणा की. दो दिनों के भीतर उन्होंने अपना विचार बदल दिया और कहा कि वह आसनसोल के लोगों की सेवा करने के लिए एक सांसद बने रहेंगे. कल, वह टीएमसी में शामिल हो गए. उनका एकमात्र एजेंडा सेवा नहीं पद है.

जुलाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए गए सुप्रियो शनिवार को टीएमसी में शामिल हो गए. जुलाई में एक फेसबुक पोस्ट में सुप्रियो ने घोषणा की थी कि उन्होंने राजनीति छोड़ने का फैसला किया है. उन्होंने पोस्ट में यह भी कहा था कि वह संसद सदस्य के रूप में भी इस्तीफा दे रहे हैं. बाद में, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद, सुप्रियो ने कहा था कि वह संसद सदस्य (सांसद) के रूप में काम करना जारी रखेंगे. इससे पहले, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी, कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य प्रशासन और पुलिस का दुरुपयोग कर पार्टी विधायकों को झूठे मामलों की धमकी दे रही हैं और दबाव में वे विधानसभा चुनाव जीतने के बाद टीएमसी में शामिल हो गए. विजयवर्गीय ने कहा था, "धमकाना, झूठे मामले, दबाव और राज्य मशीनरी का दुरुपयोग बीजेपी के विधायकों के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के मुख्य कारण हैं. "